- दिल्ली सरकार ने केंद्र से राहत के लिए 5000 करोड़ रुपए की मांग की है
- इसी को लेकर मनोज तिवारी लगातार केजरीवाल सरकार पर निशाना साध रहे हैं
- मुख्यमंत्री केजरीवाल पर विज्ञापनों पर खर्च करने के लिए बहुत पैसे हैं: तिवारी
नई दिल्ली: दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। उन पर लॉकडाउन के उल्लंघन का आरोप लगा है। दरअसल, मनोज तिवारी केजरीवाल सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए राजघाट पहुंचे थे। दिल्ली बीजेपी नेता कुलजीत सिंह चहल ने ट्वीट कर बताया, 'आज हम केजरीवाल जी को कोविड-19 में मरीजों की लापरवाही से कुंभकर्णी निद्रा से जगाने के लिए राजघाट पर मनोज तिवारी के नेतृत्व में आए। हमें दिल्ली पुलिस गिरफ्तार कर रजिंदर नगर थाने लेकर जाती हुई।
दिल्ली बीजेपी ने ट्वीट कर कहा, 'दिल्ली में तेजी से कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने के बावजूद CM अभी तक निद्रा में है। प्रदेश अध्यक्ष श्री मनोज तिवारी के नेतृत्व में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए भाजपा दिल्ली के नेताओं ने प्रदर्शन के बाद गिरफ्तारी दी।'
मनोज तिवारी लगातार केजरीवाल सरकार पर निशाना साध रहे हैं। आज ही उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'दिल्ली की जनता जब प्राइवेट हॉस्पिटल में 5 लाख देकर इलाज कराएगी। होम आइसोलेशन में रहेगी। होटेल में भी 3100/प्रतिदिन देकर क्वारंटीन हो। हाई वोल्टेज साइन तो सरकार का एक रुपया भी खर्च नही होना है फिर 5000 करोड़ किस लिए? AAP जवाब दो, 22 मार्च-29 मई तक कितना खर्च बेड और वेंटिलेटर पर किया?
इससे पहले उन्होंने कहा था कि हम जानना चाहते हैं अरविंद केजरीवाल जी, क्यूं चाहिए और 5000 करोड़... !! पहले आपको हमारे कुछ प्रश्नों का जवाब देना चाहिये साथ ही दिल्ली के खर्चों का श्वेत पत्र भी जारी करना चाहिये।
दिल्ली सरकार ने केंद्र से मांगे 5000 करोड़ रुपए
दरअसल, दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार से 5 हजार करोड़ रुपए की राशि की मांग की है। दिल्ली सरकार का कहना है कि कोरोना और लॉकडाउन की वजह से उसका राजस्व काफी घट गया है। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा हमें इस पैसे की जरूरत है ताकि कर्मचारियों को तनख्वाह दी जा सके और बाकी जरूरी कार्य किए जा सकें। मैंने इस संबंध में वित्त मंत्री को चिट्ठी लिखी है कि वो तुरंत 5000 करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता दें। सिसोदिया ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से दिल्ली सरकार के राजस्व में काफी कमी हुई है, जिससे कर्मचारियों को सैलरी देने में भी परेशानी हो रही है।