- चंद्रावल में 600 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा वाटर ट्रीट प्लांट
- जल मंत्री सत्येंद्र जैन ने प्लांट का निरीक्षण कर अधिकारियों को दिए निर्देश
- इस प्लांट से प्रतिदिन 477 एमएलडी पानी हो सकेगा ट्रीट
Delhi Water News: राजधानी के लोगों को 24 घंटे साफ पानी मुहैया कराने की योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए दिल्ली सरकार द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, इसी कड़ी में सरकार द्वारा चंद्रावल में नया वाटर ट्रीट प्लांट (डब्ल्यूटीपी) बनाया जा रहा है। दिल्ली जल मंत्री सत्येंद्र जैन ने इस प्लांट पर पहुंच कर निर्माण कार्यों का जायजा लिया। साथ ही साथ उन्होंने अधिकारियों को गुणवत्ता पूर्ण कार्य पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि चंद्रावल वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण 600 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है, यह प्लांट अगले साल के शुरुआती माह तक बन कर तैयार हो जाएगा।
इस प्लांट के शुरु होने के बाद यहां प्रतिदिन 477 एमएलडी पानी को ट्रीट किया जा सकेगा। यहां से शुद्ध होने वाले पानी से राजधानी की करीब 22 लाख आबादी को 24 घंटे पेयजल सुविधा मिल सकेगी। सत्येंद्र जैन ने कहा है कि चंद्रावल वाटर ट्रीटमेंट प्लांट दिल्ली के सबसे आधुनिक प्लांट्स में से एक है। इसके शुरू होने पर दिल्ली के पानी उत्पादन करने की क्षमता बढ़ जाएगी।
हाई टेक्नोलॉजी से लैस होगा यह प्लांट
सत्येंद्र जैन ने बताया कि इस प्लांट की सबसे बड़ी खासियत यह होगी कि यह अमोनिया वाले पानी को भी आसानी से ट्रीट कर पाएगा। बता दें कि दिल्ली के अंदर पुरानी टेक्नालॉजी में लगाए गए कई डब्ल्यूटीपी अभी अमोनिया ट्रीट करने में अक्षम हैं, इससे यमुना में अमोनिया का स्तर बढ़ने से प्लांट को शटडाउन करना पड़ता है। जल मंत्री ने बताया कि इस प्लांट को अप्रैल 2023 तक शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके बाद सिविल लाइंस, जामा मस्जिद, चांदनी चौक, सदर बाजार, करोल बाग, राजेंद्र नगर, ईदगाह, नारायणा, पटेल नगर, शादीपुर, मलका गंज आदि इलाकों में रहने वाले लोगों को राहत मिलेगी।
यह होगी इस प्लांट की खासियत
दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों के अनुसार, इस डब्ल्यूटीपी में ओजोनेशन जेनरेशन सिस्टम, रैपिड ग्रेविटी फिल्ट्रेशन सिस्टम, ओजोन कांटेक्ट टैंक, पंप हाउस, केमिकल हाउस और केमिकल डोजिंग सिस्टम की सुविधा होगी। इसमें ओजोनेशन और एक्टिव कार्बन तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। यह पानी से आर्गेनिक मैटर, बैक्टीरिया और वायरस को भी पूरी तरह से साफ करने में सक्षम होगा। साथ ही यह पानी के टेस्ट और बदबू को भी ट्रीट करेगा। यहां से सेंट्रल वाटर मैनेजमेंट सेंटर में वाटर ड्रिस्ट्रीब्यूशन, डिमांड और सप्लाई की जानकारी भी मिल सकेगी।