- अमेरिका की बिजेले कंपनी के साथ बीएसईएस ने किया समझाौता
- अभी दक्षिण और पश्चिम दिल्ली में शुरू होगा इस तकनीक का ट्रायल
- तकनीक की मदद से कंपनी को तुरंत पता चलेगा कि कहा हो रही चोरी
Delhi News: दिल्ली में बिजली चोरी करने वाले अब बिजली कंपनियों के शिकंजे से बच नहीं सकेंगे। राजधानी में बिजली चोरों को पकड़ने के लिए अब कंपनियां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक की मदद लेने जा रही हैं। इस तकनीक की मदद से कंपनियों को तुरंत पता चल जाएगा कि किस गली में कितनी बिजली चोरी हो रही है। साथ ही यह भी पता चलेगा कि किस गली में कितने घर हैं और किसी घर में कितनी बिजली खपत या चोरी हो रही है।
इस खास तकनीक के लिए बांबे सबअर्बन इलेक्ट्रिक सप्लाई (बीएसईएस) ने अमेरिका की कंपनी बिजेले से समझौता किया है। अधिकारियों के अनुसार इस तकनीक से उपभोक्ताओं को भी बिजली खपत का बेहतर प्रबंधन करने में मदद मिलेगी। पहले चरण में इस तकनीक का उपयोग बीएसईएस और बीआरपीएल कंपनी द्वारा दक्षिण और पश्चिम दिल्ली में शुरू किया जाएगा। यहां पर सफलता मिलने के बाद इसे पूर्वी व मध्य दिल्ली में लागू किया जाएगा।
अप्लायंस इलेक्ट्रॉनिक सिग्नेचर रेकग्निशन एल्गोरिदम तकनीक का होगा इस्तेमाल
बीएसीईएस प्रवक्ता ने बताया कि राजधानी के अंदर बिजली वितरण क्षेत्र में बिजली चोरी कम होकर सात प्रतिशत के करीब आ गई है। लेकिन इसके बाद भी कुछ ऐसे इलाकें हैं, जहां पर बिजली चोरी की शिकायत मिलती रहती हैं। इसे दूर करने में इस तकनीक से काफी मदद मिलेगी। प्रवक्ता ने बताया कि दिल्ली में बिजेले कंपनी के अप्लायंस इलेक्ट्रॉनिक सिग्नेचर रेकग्निशन एल्गोरिदम तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। इस तकनीक से बिजली चोरी वाले स्थान की सही जानकारी मिलती है। इससे तुरंत ही कार्रवाई करते हुए बिजली चोर को पकड़ जा सकेगा। इस तकनीक से यह भी पता चल जाएगा कि किसी क्षेत्र में बिजली की कितनी मांग है और अगले दिन बिजली की कितनी खपत रहने वाली है। इसका अनुमान लगने पर बिजली प्रबंधन में भी काफी मदद मिलेगी। इससे उपभोक्ताओं को बिजली की खपत कम करने में भी मदद मिलेगी।