- दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण पर अरविंद केजरीवाल सरकार का अहम फैसला
- दिल्ली के स्कूल एक हफ्ते के लिए बंद
- 17 नवंबर तक दिल्ली में निर्माण कार्यों पर रोक
दिल्ली में वायु की गुणवत्ता पर सुप्रीम कोर्ट की झिड़की के बाद दिल्ली सरकार ने आपात बैठक बुलाई जिसमें कुछ अहम फैसले लिए गए हैं। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि फिलहाल एक हफ्ते के लिए दिल्ली के स्कूलों को एक हफ्ते के लिए बंद किया जा रहा है।इसके साथ ही सभी सरकारी दफ्तर भी एक हफ्ते तक वर्क फ्रॉम होम मोड में काम करेंगे। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जहां तक लॉकडाउन की बात है को उस संबंध में विचार विमर्श चल रहा है। सभी निर्माण कार्य 17 नवंबर तक बंद रहेंगे।निजी वाहनों को बंद करने पर विचार किया जा रहा है।निजी दफ्तरों के लिए एडवाइजरी जारी करेंगे।
प्रदूषण के मुद्दे पर आपात बैठक
दिल्ली व आससपास के क्षेत्रों में वायु प्रदूषण को लेकर तत्काल कदम उठाने के उच्चतम न्यायालय के आदेश के बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस गंभीर समस्या से निपटने के लिए शनिवार को एक आपात बैठक बुलाई गई। अधिकारियों ने बताया कि बैठक शाम पांच बजे होगी जिसमें उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन, पर्यावरण मंत्री गोपाल राय और दिल्ली के मुख्य सचिव शिरकत करेंगे। इस बीच उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु प्रदूषण में वृद्धि को “आपातकालीन स्थिति” करार दिया और ठोस कदम उठाने की आवश्यकता पर बल दिया।न्यायालय ने दिल्ली में स्कूलों को फिर से खोलने पर भी संज्ञान लिया और वाहनों की आवाजाही बंद करने तथा दिल्ली में लॉकडाउन लगाने जैसे कदम तत्काल उठाने को कहा।
दिल्ली सरकार के फैसले पर एक नजर
- स्कूल एक हफ्ते के लिए बंद
- सभी तरह के निर्माण कार्यों पर 17 नवंबर तक रोक
- सरकारी कर्मचारी घर से काम करेंगे
- निजी दफ्तरों के लिए एडवाइजरी जारी की जाएगी
- एक हफ्ते तक सरकारी कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम मोड पर काम करेंगे
प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई में उठाए गए कदम
- सड़क की मशीनीकृत सफाई और पानी के छिड़काव की आवृत्ति में वृद्धि
- उच्च धूल के लिए जिम्मेदार सड़क खंडों की पहचान करें।
- माननीय एनजीटी के निर्देशानुसार यह सुनिश्चित करें कि दिल्ली-एनसीआर में सभी ईंट भट्टों के निर्देशों के अनुसार बंद रहें
- दिल्ली-एनसीआर में सभी हॉट मिक्स प्लांट और स्टोन क्रशर को बंद करना सुनिश्चित करें।
- मौजूदा प्राकृतिक गैस आधारित संयंत्रों से बिजली उत्पादन को अधिकतम करने के लिए
- एनसीआर (बदरपुर पावर प्लांट) में कोयला आधारित बिजली संयंत्रों का संचालन (पहले से ही बंद)
- अनुबंध बढ़ाकर सार्वजनिक परिवहन सेवाओं (बस और मेट्रो) को तेज करना
- बसों और सेवा की बढ़ती आवृत्ति।
- ऑफ-पीक यात्रा को प्रोत्साहित करें।
- धूल नियंत्रण उपायों को सख्ती से लागू करने के लिए नियमित निरीक्षण होना चाहिए
- निर्माण स्थलों और गैर-अनुपालन स्थलों को बंद करना सुनिश्चित करें।
- जनरेटर सेट के उपयोग को हतोत्साहित करने के लिए निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करें।
- डीजल जनरेटर सेट का उपयोग बंद करें (आपातकालीन उद्देश्यों को छोड़कर)
- पार्किंग शुल्क में 3-4 गुना वृद्धि
- होटलों और खुले भोजनालयों में कोयले/जलाऊ लकड़ी का उपयोग बंद करो
- श्वसन और हृदय रोगियों को सलाह देने के लिए समाचार पत्रों / टीवी / रेडियो में अलर्ट
- रोगियों को प्रदूषित क्षेत्रों से बचने और बाहरी आवाजाही को प्रतिबंधित करने के लिए।
- लैंडफिल और अन्य स्थानों पर कूड़ा जलाने को सख्ती से लागू करना/रोकना और
- जिम्मेदार व्यक्ति पर भारी जुर्माना लगाना
- उद्योगों और थर्मल में सभी प्रदूषण नियंत्रण नियमों को सख्ती से लागू करें बिजली संयंत्र
सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी फटकार
हर किसी पर किसानों को दोष देने का जुनून सवार है। क्या आपने देखा है कि पिछले 7 दिनों से दिल्ली में किस तरह पटाखे जलाए जा रहे हैं।उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली में स्कूलों के खुलने पर गौर किया, प्राधिकारियों से वाहनों को रोकने, दिल्ली में लॉकडाउन लगाने जैसे कदम तत्काल उठाने को कहा।न्यायालय ने कहा कि लोग घरों के अंदर मास्क लगा रहे हैं, केन्द्र और दिल्ली सरकार से प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए आपात कदम उठाने को और इस संबंध में सोमवार तक जानकारी देने को कहा।उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में बढ़ते वायु प्रदूषण को आपात स्थिति करार दिया, आपातकालीन कदम उठाने की जरूरत पर जोर दिया।