Delhi liquor price: दिल्ली में नई आबकारी नीति नवंबर से लागू होने के साथ ही शराब के दाम बढ़ने की संभावना है। आबकारी, मनोरंजन और लक्जरी कर के एक आदेश के अनुसार, शराब के प्रकार के आधार पर प्रति यूनिट थोक मूल्य (WSP) 8-9 प्रतिशत के बीच बढ़ सकता है। सरकारी अधिकारी बदली हुई आबकारी नीति को देखते हुए अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) तय करने की प्रक्रिया में हैं। आदेश में कहा गया है कि नई आबकारी नीति 2021-22 के तहत भारतीय और विदेशी शराब के लागत कार्ड में शामिल संशोधित मानकों के कारण आने वाले नए WSP में लगभग 8-9 प्रतिशत की वृद्धि होने की संभावना है।
अधिकारियों के अनुसार नई नीति में उत्पाद शुल्क और वैट को लाइसेंस शुल्क में समाहित कर दिया गया है। आदेश में कहा गया है कि खुदरा विक्रेता को लैंडिंग मूल्य पर थोक मूल्य (डब्ल्यूएसपी) पर 1-1 प्रतिशत की दर से मामूली उत्पाद शुल्क और वैट लगाया जाएगा। केंद्रीय बिक्री कर जैसे विभिन्न कारकों को शामिल करने के कारण थोक मूल्य पर प्रभाव से मैकडॉवेल व्हिस्की की कीमत 10 रुपए प्रति थोक इकाई के दायरे में बढ़ जाएगी, जबकि ब्लेंडर्स प्राइड के लिए 25 रुपए प्रति यूनिट हो जाएगी। आदेश में कहा गया है कि शराब की अन्य श्रेणियों पर भी इसी तरह का प्रभाव पड़ने की उम्मीद है।
IMFL (भारतीय निर्मित विदेशी शराब) की बिक्री पर खुदरा मार्जिन के रूप में 50 रुपए और विदेशी शराब की बिक्री पर 100 रुपए की कोई सीमा नहीं होगी। IMFL, विदेशी शराब, बीयर और वाइन के खुदरा मार्जिन पर कोई सीमा नहीं होगी और प्रतिस्पर्धी बाजार की ताकतें उपभोक्ता को बिक्री मूल्य पर नजर रखेंगी।
आदेश में कहा गया है कि यह महत्वपूर्ण है कि उपभोक्ता पर मूल्य वृद्धि का बोझ न पड़े। नई आबकारी नीति में लाए गए परिवर्तनों को बाजार में लागू करने के लिए उचित समय की आवश्यकता होगी। दिल्ली के उपभोक्ताओं के समग्र हित में अंतर्राज्यीय तस्करी को रोकने के लिए, 2021-22 के लिए एमआरपी जहां तक संभव हो उसी सीमा में होनी चाहिए, जो दिल्ली में प्रचलित है।