- ब्लू लाइन मेट्रो पर तकनीकी खामियों की वजह से ट्रेन सेवा पर पड़ता है असर
- यमुना बैंक से यह सर्विस दो हिस्सों में बंटती है एक गंतव्य गाजियाबाद के वैशाली तक
- यमुना बैंक से दूसरा गंतव्य नोए़डा सेक्टर 62 है
नई दिल्ली। दिल्ली मेट्रो की ब्लू लाइन में अक्सर तकनीकी खामी से जुड़ी खबरें आती रहती हैं। शुक्रवार रात करीब 8.30 बजे द्वारका सेक्टर 21 की तरफ जा रही मेट्रो में आग लगने की वजह से कोच में धुआं भर गया था। यमुना बैंक स्टेशन से ज्योंही मेट्रो आगे की तरफ रवाना होने वाली थी कि ट्रेन के पहियों का ब्रेक जाम हो गया और जिसकी वजह से चिंगारी निकली और आग लगी। शुक्र की बात ये थी कि इस हादसे में कोई घायल नहीं हुआ। कुछ देर तक मेट्रो रुकी रही और अपने गंतव्य की तरफ रवाना हुई।
ब्लू लाइन रूट पर सफर करने वालों का कहना है कि पहले इतनी तकनीकी दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ता था। लेकिन हाल के वर्षों में अलग अलग तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। खासतौर इलेक्ट्रिक पेंटोग्राफ में दिक्कत आती है। इसके साथ ही इस रूट में ट्रिपिंग की समस्या ज्यादा आती है। इस संबंध में दिल्ली मेट्रो के अधिकारियों का कहना है कि इस तरह की छोटी छोटी परेशानियां आती रहती हैं। लेकिन मेट्रो सर्विस में ज्यादा दर तक व्यवधान नहीं रहता है।
ये बात अलग है ब्लू लाइन रूट पर सफर करने वालों का कहना है कि मेट्रो प्रबंधन जो कुछ दावे करे वो हकीकत से दूर है। आम तौर पर दिल्ली मेट्रो के एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन तक की दूरी तय करने में दो मिनट का वक्त लगता है। लेकिन इस रूट पर ऐसा नहीं है, खासतौर से मेट्रो ट्रेन राजेंद्र प्लेस से राजीव चौक तक पहुंचने में देरी करती है।