कोरोना वायरस और लॉकडाउन ने लोगों की रोजी-रोटी पर बहुत बुरा असर डाला है। लोगों के काम धंधे बंद हो गए और नौकरियां चली गई हैं। संकट के समय में केजरीवाल सरकार ने सोच समझकर सामाजिक सुरक्षा और जन कल्याण की योजनाएं बनाई हैं। जिससे लोगों को विकट संकट में मदद मिल सके।
सरकार ने महिलाओं की इकोनॉमी में भूमिका को और मजबूत करने के लिए नई योजना तैयार की है। इनमें प्रमुख योजना सहेली समन्वय केंद्र है। इसके तहत दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में 500 आंगनवाड़ी हब बनाए जाएंगे। इन्हें सुबह के 4 घंटे आंगनवाड़ी केंद्र के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा। इसके बाद आसपास के क्षेत्र में सक्रिय महिलाओं के लिए इन केंद्रों को उपलब्ध कराया जाएगा। इन केंद्रों को समृद्धिनाम की सेल्फ हेल्प ग्रुप या इंडिविजुअल स्टार्टअप के इक्यूबेशन सेंटर के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा। यहां पर इनकी माइक्रो-इकॉनामिक एक्टिविटी की ट्रैनिंग, एसएचजी समूह की बैठकों की विेशेष व्यवस्थाएं होंगी। इसका उद्देश्य बेरोजगार महिलाओं को रोजगार दिलाना है।
योजना बनाने से पहले कराया सर्वे
केजरीवाल सरकार ने सहेली समन्वय केंद्र योजना तैयार करने से पहले एक सर्वे करवाया। जिसमें निकलकर आया कि कोरोना से पहले काम करने की इच्छुक महिलाओं के बीच बेरोजगारी दर 26 प्रतिशत थी जो लॉकडाउन खुलने के बाद फरवरी 2021 में 40 प्रतिशत थी। इसका मतलब है कि दिल्ली की महिलाएं जो काम तलाश रही हैं उनमें से 40 प्रतिशत को काम नहीं मिल रहा है। इन 40 प्रतिशत महिलाओं में से 45 प्रतिशत महिलाएं ऐसी हैं जिन्होंने कम से कम 12वीं तक की पढ़ाई की है। इनमें से 60 प्रतिशत महिलाएं तो 30 वर्ष से कम उम्र की हैं। ऐसे में दिल्ली की युवा महिला शक्ति को परिवार और दिल्ली की इकॉनामी से जोड़ना जरूरी है। इसके बाद सहेली समन्वय केंद्र के जरिए माइक्रो एक्टिविटी शुरू करने का फैसला किया।
33 महिला सहायता प्रकोष्ठ शुरू होंगे
दिल्ली सरकार महिलाओं के लिए बहुत सारी योजनाएं चलाती है। जिसमें लाडली योजना, विधवा-वृद्धावस्था पेंशन, लड़कियों की पढ़ाई व रोजगार के लिए सहायता योजना, प्रसूति सहायता योजना, महिला निर्माण श्रमिकों के लिए विभिन्न कल्याण योजना शामिल हैं। लेकिन गरीब महिलाओं को इन योजनाओं के बारे में पता नहीं होता है। कई बार वे समझ नहीं पाती हैं कि उनके लिए कौन सी स्कीम ठीक रहेगी। इस समस्या के समाधान के लिए सरकार पूरी दिल्ली में 30 महिला सहायता प्रकोष्ठ शुरू करेगी। जहां काउंसलर्स महिलाओं के आमने सामने बैठकर उनका मार्गदर्शन करेंगे और उनकी मदद भी करेंगे।