- 'निपुण परियोजना' के तहत खास पहल शुरू
- क्रेडाई ने श्रमिकों का कौशल विकास करने का ऐलान किया
- निर्माण इसके तहत श्रमिकों को उनके काम में उन्हें बेहतर बनाएगा
Delhi News: केंद्र सरकार ने निर्माण क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिकों का कौशल विकास कर उन्हें और उन्नत बनाने का फैसला किया है। श्रमिकों के कौशल विकास को पूरा करने के लिए 'निपुण परियोजना' के तहत खास पहल शुरू की गई है। जिसमें निर्माण कार्य से जुड़े अन्य कौशल सिखाए जाएगें। वहीं दिल्ली में जमीन जायदाद के विकास से जुड़ी कंपनियों के निकाय क्रेडाई (रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया, सीएआरडीएआई) ने भी अपने श्रमिकों का कौशल विकास करने का ऐलान किया है।
इसके लिए क्रेडाई आवास ने शहरी मामलों के मंत्रालय और राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) के साथ मिलकर एक समझौता भी करेगा। हाल ही में आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने 'निपुण परियोजना' के तहत यह घोषणा की है।
कौशल विकास को बढ़ावा देना
इस परियोजना का उद्देश्य निर्माण श्रमिकों को उनके काम में उन्हें बेहतर बनाना और कौशल विकास को बढ़ावा देना है। इसके बाद क्रेडाई ने सोमवार को एक बयान जारी किया है जिसमें बताया गया है कि, क्रेडाई अपने श्रमिकों का भी कौशल विकास करेगा। बयान में कहा कि, वह 'निपुण परियोजना' को लागू करने के लिए अन्य उद्योग हितधारकों के साथ मंत्रालय, राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) के साथ साझेदारी करेगा।
निर्माण क्षेत्र में करीब पांच करोड़ से ज्यादा है श्रमिक
गौरतलब है कि, आज के समय में देश भर में निर्माण क्षेत्र में करीब पांच करोड़ से ज्यादा श्रमिक काम कर रहे हैं। इनमें से कुछ श्रमिक ऐसे हैं, जिनका कौशल विकास करना जरूरी है, ताकि वह आधुनिक तकनीक के जरिए अपना काम कर सकें। बात करें 'निपुण परियोजना' की तो आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (एमओएचयूए) इसको अपनी खास योजना को दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (डीएवाई-एनयूएलएम) के जरिए चला रहा है।
श्रमिकों के लिए नए कौशल और अपस्किलिंग कार्यक्रम
इसके तहत निर्माण श्रमिकों के लिए नए कौशल और अपस्किलिंग कार्यक्रम चलाएगा। इस योजना के जरिए एमओएचयूए करीब 1 लाख से ज्यादा निर्माण श्रमिकों को ट्रेनिंग देगा। इसके अलावा उन्हें अन्य देशों में काम के मौके भी प्रदान करवाएगा।