- पीसीआर पर कॉल मिलते ही सक्रिय हुई पुलिस, कैंपस के अंदर जाकर हालात संभाले- दिल्ली पुलिस
- ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन को लेकर छात्रों के बीच चल रहे थे मतभेद- पुलिस
- दिल्ली पुलिस के पीआरओ ने बताया कि अस्पताल में घायल सभी 34 छात्रों/छात्राओं को मिल चुकी है छुट्टी
नई दिल्ली: जेएनयू कैंपस में रविवार को हुई हिंसा को लेकर आरोप- प्रत्यारोप का दौर जारी है और दिल्ली पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। इन सबके बीच दिल्ली पुलिस की तरफ से भी सफाई आई है। दिल्ली पुलिस के पीआरओ एमएस रंधावा ने सोमवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि रविवार को जैसे ही पीसीआर पर कॉल आई तो हम सक्रिए हुए और बाद में कैंपस के अंदर जाकर हालात को काबू में किया।
मीडिया से बात करते हुए एमएस रंधावा ने कहा, 'आनलाइन रजिस्ट्रेशन को लेकर छात्रों में आपस में मतभेद चल रहे थे। वहां दिल्ली पुलिस की कैंपस में तैनाती नहीं होती है। कल शाम पुलिस के पास कॉल आई थी पीसीआर पर। कि वहां पर कुछ स्टूडेंट्स में आपस में झगड़ा हो रहा है। उसके बाद दिल्ली पुलिस ने हालात को काबू पर किया। जो नॉर्मली हमारी तैनाती है वो एडमिन ब्लॉक में है। ये हिंसा हुई वो वहां से कुछ दूरी पर है।'
रंधावा ने आगे बताया, 'शाम 7.45 बजे जेएनयू एडमिन से हमें बुलाया गया जिसके बाद दिल्ली पुलिस अंदर दाखिल हुई और फ्लैग मार्च कर हालात को काबू में किया। इसी को लेकर एक एफआईआर दर्ज हुई हुई है जिसकी जांच क्राइम ब्रांच करेगा। सारी सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है। इसके अलावा कुछ 34 लोग जो घायल हुए थे उन सभी को डिस्चार्ज कर दिया गया है। आज सुबह सभी विक्टिम को छुट्टी मिल गई है।'
उन्होंने बताया, 'ज्वाईंट सीपी शालिनी सिंह की अध्यक्षता में कमेटी बनी है जो मामले की जांच कर रही है और हमें कुछ सुराग मिले हैं जिनकी जांच हो रही है। हमें काफी सबूत मिले हैं जिसकी जांच जारी है औऱ जल्द ही हम इसका खुलासा कर देंगे।'