- दिल्ली में 23 फरवरी से 25 फरवरी तक चला था हिंसा का दौर, 50 लोगों की जान गई
- उत्तर पूर्वी दिल्ली के कई इलाके आए थे सांप्रदायिक हिंसा की चपेट में, करीब 250 लोग घायल हुए
- चांद बाग दंगा मामले में दिल्ली पुलिस ने दायर की है चार्जशीट, कई सनसनीखेज खुलासे किए
नई दिल्ली: दिल्ली दंगों के बारे में पुलिस की चार्जशीट से सनसनीखेज खुलासे हुए हैं। चांद बाग हिंसा मामले में दिल्ली पुलिस ने आरोपपत्र दायर किया है। इस आरोपपत्र की एक प्रति टाइम्स नाउ के हाथ लगी है। चार्जशीट के मुताबिक दिल्ली दंगों में आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन की बड़ी भूमिका सामने आई है। दिल्ली पुलिस ने आरोपपत्र में दावा किया गिया दिल्ली में दंगे भड़काने के लिए ताहिर ने न केवल 1.3 करोड़ रुपए की फंडिंग मुहैया कराई बल्कि वह हिंसा से पहले उमर खालिद से संपर्क में भी था। खालिद पर जेएनयू में देश विरोधी नारे लगाने का आरोप लग चुका है। यही नहीं ताहिर कथित रूप से जेएनयू के सीएए विरोधियों के साथ भी संपर्क में था।
उमर खालिद के संपर्क में था ताहिर
दिल्ली पुलिस की इस चार्जशीट में उमर खालिद का नाम शामिल नहीं किया गया है। चार्जशीट के मुताबिक ताहिर लगातार उमर के संपर्क में था और उमर ने उससे दिल्ली में कुछ बड़ा करने की तैयारी की बात कही थी। यही नहीं आप का पूर्व पार्षद फंडिंग के लिए पीएफआई के सदस्यों से संपर्क करने की कोशिश में भी लगा था। दिल्ली दंगे से कुछ समय पहले जामिया इलाके में इनकी एक बैठक भी हुई थी जिसमें दंगों की साजिश रची गई। ताहिर और उसके साथियों को पता था कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत की यात्रा पर आने वाले हैं। इसलिए चांद बाग जैसे दिल्ली के उन 20 जगहों की पहचान की गई जहां सांप्रदायिक हिंसा आसानी से भड़काया जा सके।
22 फरवरी को पिस्टल दोबारा हासिल किया
आरोपपत्र के मुताबिक दिल्ली दंगों के लिए ताहिर ने एक करोड़ तीस लाख रुपए की फंडिंग उपलब्ध कराई। दिल्ली में दंगे शुरू होने से एक दिन पहले ताहिर ने 22 फरवरी को अपना पिस्टल दिल्ली पुलिस से दोबारा जारी किराया। इस पिस्टल के साथ उसे 200 गोलियां दी गईं और जब जांच में क्राइम ब्रांच के अधिकारियों ने उससे गोलियों का हिसाब मांगा तो वह संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया। इससे जाहिर है कि दंगे के समय ताहिर के मकान से उसने और उसके साथियों ने पिस्टल से फायरिंग की।
ताहिर पर हिंसा के लिए उकसाने का आरोप
दंगा मामले में 11 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर हुई है जबकि ताहिर को छिपाने के आरोप में चार लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दायर हुआ है। जांच में यह बात सामने आई है कि ताहिर 23 एवं 24 फरवरी के समय चांद बाग इलाके में मौजूद था और वह एवं उसके साथी अपने समुदाय के लोगों को हिंसा के लिए उकसा रहे थे। दिल्ली पुलिस आने वाले दिनों में इंटेलिजेंस ब्यूरो के कर्मचारी अंकित शर्मा मर्डर केस में चार्जशीट दायर कर सकती है। हत्या के इस मामले में भी ताहिर के खिलाफ आरोपपत्र दायर हो सकता है। बता दें कि दिल्ली में 23 फरवरी से 25 फरवरी तक हुए दंगों में कम से कम 50 लोगों की जान गई और करीब 250 लोग घायल हुए।