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दिल्ली हिंसा : बाहर से आए 300 दंगाइयों को पकड़ेगी पुलिस, यूपी पुलिस करेगी सहयोग

Updated Mar 16, 2020 | 10:41 IST

Delhi Violence : बताया गया है कि दिल्ली पुलिस ने हिंसा मामले में पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ और सीसीटीव फुटेज की जांच के आधार पर इन लोगों की पहचान की है। पुलिस ने इनके खिलाफ सबूत भी जुटाए हैं।

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दिल्ली हिंसा में करीब 50 लोगों की हुई मौत।
मुख्य बातें
  • दिल्ली हिंसा में करीब 300 लोग बाहर से आए थे, हिंसा एवं आगजनी में थे शामिल
  • गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में इसका जिक्र कर चुके हैं, शाह ने कहा-पाताल से ढूंढ कर पकड़ेंगे
  • दिल्ली और यूपी पुलिस के अधिकारियों की हो चुकी है बैठक, जल्द दबिश देगी पुलिस

नई दिल्ली : दिल्ली हिंसा में शामिल लोगों को पकड़ने के लिए दिल्ली पुलिस ने अपनी रणनीति तैयार कर ली है। गृह मंत्री अमित शाह ने पिछले दिनों लोकसभा में बताया कि उत्तर पूर्वी दिल्ली इलाकों में हुई हिंसा में बाहर से करीब 300 लोग आए थे जिन्होंने हिंसा और उपद्रव फैलाया। पुलिस इनकी पहचान में जुटी है। मीडिया रिपोर्टों की मानें तो दिल्ली पुलिस ने बाहर से आने वाले इन लोगों की पहचान कर ली है और यूपी पुलिस के साथ मिलकर उन्हें दबोचने की रणनीति तैयार कर रही है। दिल्ली हिंसा में बड़ी मात्रा में अवैध असलहों के इस्तेमाल की बात सामने आई है।

बताया गया है कि दिल्ली पुलिस ने हिंसा मामले में पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ और सीसीटीव फुटेज की जांच के आधार पर इन लोगों की पहचान की है। पुलिस ने इनके खिलाफ सबूत भी जुटाए हैं। समझा जाता है कि दिल्ली और यूपी पुलिस आने वाले दिनों में हिंसा में शामिल इन लोगों के घरों पर दबिश देगी। अभी ये आरोपी फरार चल रहे हैं। रिपोर्टों में कहा गया है कि हिंसा में शामिल फरार लोगों को पकड़ने के लिए दिल्ली और यूपी पुलिस के शीर्ष अधिकारियों की बैठक हुई है। यूपी पुलिस ने दंगाइयों को पकड़ने में दिल्ली पुलिस का पूरा सहयोग करने का वादा किया है। 

बता दें कि गत 22 फरवरी को नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) समर्थकों एवं विरोधियों के बीच हुए टकराव ने उत्तर पूर्वी दिल्ली के कई इलाकों में हिंसा का रूप ले लिया। गत 23 फरवरी से 25 फरवरी के दौरान उत्तर पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद, मौजपुर, यमुना विहार,  शिव विहार, कर्दमपुरी और चांद बाग इलाकों में भीषण हिंसा हुई। दंगाइयों ने बड़ी संख्या वाहनों, दुकानों एवं घरों को आग के हवाले कर दिया। हिंसा में स्कूलों एवं धार्मिक स्थलों तक को निशाना बनाया गया। इस हिंसा में 50 से ज्यादा लोगों की मौत हुई। 

राजधानी में हिंसा बढ़ती देख गृह मंत्रालय सक्रिय हुआ और हिंसा के इस दौर को रोकने की जिम्मेदारी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल को सौंपी गई। अजीत डोभाल ने 25 फरवरी की रात और 26 फरवरी की शाम हिंसा ग्रस्त इलाकों का दौरा किया। उन्होंने स्थिति का जायजा लेते हुए लोगों से संयम बरतने की अपील की। डोभाल हिंसा ग्रस्त इलाकों में लोगों से मिले और उन्हें सुरक्षा का भरोसा दिलाया। इसके बाद स्थितियों में धीरे-धीरे सुधार होना शुरू हुआ। हिंसा का दौर थमने पर दिल्ली पुलिस को इन इलाकों में शांति-व्यवस्था कायम करने में मदद मिली।

उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा ने कई सवाल खड़े किए। दिल्ली पुलिस की अब तक की जांच में सामने आया है कि राजधानी में सुनियोजित तरीके से हिंसा को अंजाम दिया गया। जांच में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया और असमाजिक तत्वों की भूमिका होने के भी प्रमाण मिले हैं। पुलिस ने दंगा भड़काने के आरोप में पीएफआई के एक सदस्य को भी गिरफ्तार किया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) हिंसा में मनी लॉन्ड्रिंग एंगल की भी जांच कर रहा है। 

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