- दिल्ली हिंसा एक मामले में आरोपी हैं जामिया की छात्रा सफूरा जरगर
- दिल्ली हाई कोर्ट ने दी सशर्त जमानत, शहर छोड़कर नहीं जाना होगा
- सफूरा ने जमानत अर्जी में अपनी प्रेग्नेंसी का दिया था हवाला
नई दिल्ली : दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को दिल्ली हिंसा मामले में जामिया की छात्रा सफूरा जरगर को 'मानवीय आधार' पर जमानत दे दी। कोर्ट ने हालांकि शर्त रखी है कि वह दिल्ली छोड़कर नहीं जाएंगी और जांच को किसी तरह से प्रभावित नहीं करेंगी। जामिया को-आर्डिनेशन कमेटी की मीडिया को-आर्डिनेटर 27 वर्षीया सफूरा को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गत 10 अप्रैल को गिरफ्तार किया। गत फरवरी में उत्तर पूर्वी दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हुए हिंसा के एक मामले में सफूरा के खिलाफ केस दर्ज है।
जांच अधिकारी के साथ संपर्क में रहना होगा
हाई कोर्ट ने सफूरा को 15 दिनों में कम से कम एक बार अपने जांच अधिकारी (आईओ) के साथ फोन पर संपर्क करने के लिए निर्देश दिया है। कोर्ट ने छात्रा को 10 हजार रुपए बेल बॉन्ड और इतनी ही राशि का मुचलका भरने के लिए कहा है। दिल्ली पुलिस ने सोमवार को सफूरा की प्रेग्नेंसी को आधार बनाकर दायर की गई जमानत अर्जी का विरोध किया। इस अर्जी का विरोध करते हुए दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया कि पिछले 10 वर्षों में दिल्ली की जेलों में 39 डिलीवरी हुई हैं।
सफूरा पर दंगा भड़काने का आरोप
दिल्ली पुलिस का दावा है कि सीएए के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन के दौरान सफूरा ने जाफराबाद के पास एक सड़क को कथित रूप से बंद किया और लोगों को हिंसा के लिए उकसाया। पुलिस का कहना है कि सफूरा के उकसाए जाने पर इस इलाके में दंगा फैला। दिल्ली पुलिस का दावा है कि फरवरी में दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा फैलाने के लिए जो साजिश रची गई सफूरा कथित रूप से उस साजिश का भी हिस्सा हैं। सफूरा ने राहत पाने के लिए जमानत अर्जी में अपनी प्रेग्नेंसी का भी हवाला दिया। जामिया मिलिया विश्वविद्यालय में एमफिल की छात्रा सफूरा चार माह की पेट से हैं।
उत्तर पूर्वी दिल्ली में गत फरवरी में हुए दंगे
दिल्ली में गत 23 फरवरी से 25 फरवरी के दौरान भारी सांप्रदायिक हिंसा हुई। इस हिंसा में करीब 50 लोग मारे गए और सैकड़ों की संख्या में लोग जख्मी हुए। उपद्रवियों ने हिंसा के दौरान बड़े पैमाने पर वाहनों, दुकानों और घरों के आग के हवाले कर दिया। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) के दखल के बाद उत्तर पूर्वी दिल्ली की हिंसा में कमी आई। दिल्ली पुलिस ने हिंसा मामले में सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार किया। उसकी तरफ से इस मामले में चार्जशीट दाखिल की जा रही है।