- ताहिर हुसैन पर आरोप हैं कि उसने दिल्ली दंगों के समय लोगों को हिंसा के लिए उकसाया
- चांद बाग हिंसा मामले में दिल्ली पुलिस ने दायर की है चार्जशीट, ताहिर ने की फंडिंग
- पुलिस का दावा है कि हिंसा के समय चांद बाग इलाके में मौजूद था ताहिर हुसैन
नई दिल्ली: इंटेलिजेंस ब्यूरो के कर्मचारी अंकित शर्मा मर्डर केस में दिल्ली पुलिस ने जो चार्जशीट तैयार की है उसमें आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन की भूमिका सामने आई है। दिल्ली पुलिस की चार्जशीट में कह गया है कि अंकित शर्मा को करीब 50 बार चाकुओं से गोदकर बर्बरता पूर्वक हत्या की गई। बता दें कि फरवरी में दिल्ली दंगों के दौरान खजूरी खास इलाके में अंकित की हत्या हुई। दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को चांद बाग दंगा मामले में आरोपपत्र दायर किया। पुलिस का दावा है कि ताहिर ने दिल्ली दंगों के लिए 1 करोड़ 30 लाख रुपए की फंडिंग उपलब्ध कराई।
क्राइम ब्रांच ने की है मामले की जांच
दिल्ली पुलिस का कहना है कि अंकित शर्मा की हत्या का मामला 25 फरवरी को दर्ज किया गया। अंकित की हत्या खजूरी खास इलाके में ताहिर हुसैर के घर के पास की गई। आईबी कर्मचारी की हत्या करने के बाद भीड़ ने उनका शव समीप के नाले में फेंक दिया। अगले दिन अंकित का शव नाले से बरामद हुआ। दिल्ली पुलिस ने आरोपपत्र में कहा है कि दंगाई शिव विहार के राजधानी स्कूल में छिपे थे और उन्होंने वहां से फायरिंग की। इन्होंने यहा से पेट्रोल बम, एसिड और पत्थर फेंके। दंगाइयों ने डीआरपी कॉन्वेंट स्कूल में लूटपाट भी की। उन्होंने राजधानी स्कूल के पास एक इमारत में भी आग लगाई।
ताहिर पर है लोगों को भड़काने का आरोप
आरोपपत्र में कई सनसनीखेज खुलास हुए हैं। ताहिर हुसैन पर आरोप है कि उसने दंगों के दौरान लोगों को हिंसा के लिए उकसाया। ताहिर के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को भी एक चार्जशीट दायर की। इस चार्जशीट में दिल्ली पुलिस ने दंगों में ताहिर की भूमिका को लेकर कई सनसनीखेज खुलासे किए। दिल्ली पुलिस का दावा है कि चांद बाग में हिंसा के दौरान ताहिर उसी इलाके में था और उसने अपने साथियों के साथ मिलकर लोगों को हिंसा के लिए उकसाया।
उमर खालिद के संपर्क में था ताहिर
दिल्ली पुलिस की इस चार्जशीट में उमर खालिद का नाम शामिल नहीं किया गया है। चार्जशीट के मुताबिक ताहिर लगातार उमर के संपर्क में था और उमर ने उससे दिल्ली में कुछ बड़ा करने की तैयारी की बात कही थी। यही नहीं आप का पूर्व पार्षद फंडिंग के लिए पीएफआई के सदस्यों से संपर्क करने की कोशिश में भी लगा था। दिल्ली दंगे से कुछ समय पहले जामिया इलाके में इनकी एक बैठक भी हुई थी जिसमें दंगों की साजिश रची गई। ताहिर और उसके साथियों को पता था कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत की यात्रा पर आने वाले हैं। इसलिए चांद बाग जैसे दिल्ली के उन 20 जगहों की पहचान की गई जहां सांप्रदायिक हिंसा आसानी से भड़काया जा सके।