- ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स की रिपोर्ट में सबसे खराब पाया गया है दिल्ली का पानी
- केजरीवाल ने कहा कि वह दिल्ली के पेयजल की गुणवत्ता की जांच कराएंगे
- दिल्ली में शुद्ध हवा और पानी मिलना हुआ मुश्किल, सभी 11 नमूने हुए फेल
नई दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को कहा कि राजधानी की पानी की गुणवत्ता केवल 11 सैंपल्स के आधार पर नहीं आंकी जा सकती। केजरीवाल ने कहा, 'किसी भी शहर के पानी की गुणवत्ता केवल 11 सैंपल्स के आधार पर नहीं मापी जा सकती। केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने इस बात का खुलासा नहीं किया कि ये सैंपल्स कहां से लिए गए। मैं दिल्ली के प्रत्येक वार्ड से पांच सैंपल्स लूंगा और उनकी जांच कराने के बाद तथ्य सामने रखूंगा।'
केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने गत 16 नवंबर को कहा कि ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स (बीआईएस) के अध्ययन के मुताबिक दिल्ली सहित कई शहरों में आपूर्ति होने वाला पेयजल मानकों पर खरा नहीं उतरा है। गत शनिवार को एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पासवान ने कहा, 'बीआईएस के मानकों के हिसाब से पानी की गुणवत्ता पर मुंबई शीर्ष पर जबकि दिल्ली सबसे निचले पायदान पर है। दिल्ली का पेयजल के सभी 11 नमूने 19 मानकों पर फेल हुए।'
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि राजधानी की पानी की गुणवत्ता का पता लगाने के लिए कम से कम 2000 सैंपल्स लेने चाहिए थे। केजरीवाल ने कहा, 'दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) शहर के अलग-अलग हिस्सों से रोजाना 500 सैंपल्स लेता है। गत जनवरी से सितंबर तक डीजेबी ने 15,53,02 सैंपल्स लिए जिनमें से 2,222 सैंपल्स फेल हुए। इसका मतलब यह हुआ है कि करीब 1.43 सैंपल्स टेस्ट में फेल हुए जबकि 98.57 सैंपल मानकों पर सही उतरे।'
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा, 'गत अक्टूबर में डीजेबी ने 16,502 सैंपल्स लिए जिनमें से 658 सैंपल्स फेल हुए। इसका मतलब हुआ कि केवल 4 प्रतिशत सैंपल्स मानकों पर खरे नहीं उतरे।' केजरीवाल ने कहा कि पानी पर सियासत की जा रही है जो कि अच्छी बात नहीं है। उन्होंने कहा, 'पिछले 70 सालों में इन लोगों ने दिल्ली को तबाह कर दिया। हम पांच सालों में सबकुछ ठीक नहीं कर सकते लेकिन हमारा दावा है कि दिल्ली में पानी की गुणवत्ता में सुधार हुआ है।'