- ये अंतरराष्ट्रीय स्तर का बोर्ड बनाया जा रहा है
- इस साल 20 से 25 सरकारी स्कूलों को इस बोर्ड में शामिल किया जाएगा
- ये बाकी राज्यों के शिक्षा बोर्ड से अलग होगा
दिल्ली का अपना शिक्षा बोर्ड होगा दिल्ली के सीएम केजरीवाल सरकार ने शनिवार को 'दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन' (Delhi Board Of School Education) के गठन को मंजूरी दे दी बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि इस साल 20 से 25 सरकारी स्कूलों को इस बोर्ड में शामिल किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन’ की स्थापना दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था में हो रहे क्रांतिकारी परिवर्तन को नई ऊंचाइयों की तरफ़ लेकर जाएगा, उन्होंने बताया कि ये बोर्ड तीन लक्ष्य पूरे करेगा-
1- देश की जिम्मेदारी उठाने के लिए तैयार हों विद्यार्थी
2- किसी भी धर्म, जाति और अमीर-गरीब का फर्क भूल अच्छे इंसान बनें
3- बच्चों को रोजगार मांगने के लिए नहीं रोजगार देने के लिए तैयार करेंगे
ये बाकी राज्यों के शिक्षा बोर्ड से अलग होगा, उन्होंने कहा, पूरे देश ने देखा है दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था में किस कदर क्रांतिकारी परिवर्तन आए हैं, स्कूलों में शिक्षा में सुधार किया गया है बच्चों के रिजल्ट 98 फीसदी तक आ रहे हैं साथ ही उन्होंने कहा, ये अंतरराष्ट्रीय स्तर का बोर्ड बनाया जा रहा है इंटरनेशनल प्रैक्टिस को हम स्कूलों और बोर्ड में लेकर आएंगे।
केजरीवाल ने बताया कि दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन का मकसद स्टूडेंट्स को अच्छा इंसान बनाना, देशभक्त बनाना और स्टूडेंट्स को रोजगार के लिए तैयार करना है वह बोले कि अब रटने पर नहीं बल्कि सीखने पर जोर होगा।
दिल्ली में पहली बार बजट का 25% शिक्षा पर खर्च किया गया
बोर्ड की एक गवर्निंग बॉडी होगी जिसकी अध्यक्षता शिक्षा मंत्री करेंगे बोर्ड की एक एग्जीक्यूटिव बॉडी भी होगी जिसे एक सीईओ संभालेगा। दोनों समितियों में उद्योग, शिक्षा क्षेत्र के विशेषज्ञ, सरकारी और प्राइवेट स्कूलों के प्रिंसिपल, नौकरशाह होंगे। दिल्ली में हजार के करीब सरकारी और 1700 प्राइवेट स्कूल है। इनमें ज्यादातर सीबीएसई से संबंद्ध हैं। दिल्ली में पहली बार बजट का 25% शिक्षा पर खर्च किया गया और सरकारी स्कूलों का कायाकल्प सबने देखा।