- वर्क फ्रॉम होम के नाम पर ठगी करने वाले दो गिरफ्तार
- आरोपित काम के बदले भुगतान करने के लिए लेते थे कई तरह के शुल्क
- गृह मंत्रालय के साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत के बाद की गई कार्रवाई
Delhi Fraud: कोरोना के बाद शुरू हुआ वर्क फ्रॉम होम जहां रोजगार का जरिया बना, वहीं इसके बहाने बेरोजगारों को जमकर लूटा भी जा रहा है। ऐसा ही एक मामला दिल्ली में सामने आया है। यहां पर एक अंतरराज्यीय गिरोह के दो ठगों ने दिल्ली, उत्तराखंड और यूपी के युवाओं के साथ वर्क फ्रॉम होम के नाम पर करोड़ों की ठगी की है। शिकायत के बाद जब उत्तरी जिले के साइबर सेल ने आरोपियों को गिरफ्तार किया तो पूरे मामले का खुलासा हुआ। आरोपित युवाओं को लुभाने के लिए गूगल प्ले स्टोर पर विभिन्न साफ्टवेयर एप्लिकेशन का इस्तेमाल करते थे।
साइबर सेल के अनुसार, आरोपित वर्क फ्रॉम होम का काम पूरा करने के बाद तय किए गए वेतन देने से पहले युवाओं से पंजीकरण शुल्क, विदेशी मुद्रा परिवर्तन शुल्क, अंतरराष्ट्रीय बैंक लेनदेन शुल्क के नाम पर मोटी रकम ऐंठ लेते और बाद में वेतन का भुगतान भी नहीं करते। गिरफ्तार आरोपितों के नाम तुषार कुमार और मुहम्मद अकरम अली है। दोनों आरोपी यूपी के बरेली जिले के रहने वाले हैं। साइबर सेल ने इनके पास से ठगी के पैसे से खरीदी गई एक लग्जरी कार, एक लैपटॉप, 9 मोबाइल फोन, 67 सिम कार्ड, एक वाई-फाई राउटर, दो स्कैनर बरामद किए है।
आरोपी चलाते थे फ्रीलांसर डॉट कॉम नाम की वेबसाइट
साइबर सेल के इंस्पेक्टर पवन तोमर ने बताया कि, आरोपी तुषार ने फ्रीलांसर डॉट कॉम नाम से एक वेबसाइट बना रखी थी। कोरोना शुरू होने के बाद से वह इस पर सक्रिय था। आरोपित बेरोजगार युवकों को इस पर काम के बदले अच्छा वेतन देने का वादा करता था। वह युवाओं को साफ्टवेयर से संबंधित काम सौंपता था। आरोपितों ने युवाओं को विश्वास में लेने के लिए यूके स्थित कई कंपनियों के नाम से नकली ई-मेल भी बना रखे थे। साइबर सेल के अनुसार, आरोपियों ने सैकड़ों युवाओं के साथ इसी तरह से ठगी कर रखी है। हालांकि पूरे मामले की जानकारी पूछताछ के बाद ही पता चलेगी। साइबर सेल की यह कार्रवाई बुराड़ी निवासी एक युवती की शिकायत पर हुई। युवती ने गृह मंत्रालय के साइबर क्राइम पोर्टल पर इस ठगी की शिकायत की थी।