- द्वारका जिले के सभी थानों में शुरु हुआ घापिक्स अभियान
- पुलिस अधिकारियों को सौंपी गई झपटमारी रोकने की जिम्मेदारी
- लापरवाही बरतने वाले पुलिस अधिकारियों की होगी छुटृटी रद्द
Delhi Crime: राजधानी के द्वारका जिले में लगातार बढ़ रही झपटमारी की घटनाओं पर पुलिस उपायुक्त ने महकमे के अधिकारियों को सख्त निर्देश जारी किया है। जिसमें उन्होंने पुलिस अधिकारियों को चेतावनी दी है कि, जो भी अधिकारी 72 घंटे के अंदर झपटमारी के केस को सॉल्व कर आरोपित को नहीं पकड़ पाया उस पर अब कार्रवाई की जाएगी। द्वारका जिले के पुलिस उपायुक्त शंकर चौधरी ने यह निर्देश जारी करते हुए कहा कि, यह निर्देश लागू हो चुका है।
इस निर्देश में कहा गया कि, शहर में बढ़ती झपटमारी की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए द्वारका जिला पुलिस की तरफ से घापिक्स अभियान चलाया जा रहा है। इसे अभी तक कुछ थाने तक ही सीमित रखा गया था, लेकिन अब यह इस पूरे जिले में लागू होगा। इस अभियान में किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
एक सप्ताह बाद पूरे थाने पर कार्रवाई
पुलिस उपायुक्त द्वारा जारी निर्देश में कहा गया कि, झपटमारी की घटना को 72 घंटे के अंदर सुलझाने के साथ ही सामान की बरामदगी भी होनी चाहिए। वहीं यदि किसी थाने में झपटमारी का मामला एक सप्ताह तक भी नहीं सुलझा तो उसके लिए संबंधित टीम, बीट स्टाफ, एसएचओ, ला एंड आर्डर इंस्पेक्टर आदि को इसके लिए जिम्मेदार माना जाएगा और सभी पर कार्रवाई की जाएगी।
जानें, पुलिस का घापिक्स अभियान
घापिक्स अभियान की जानकारी देते हुए पुलिस अधिकारियों ने बताया कि, इसका मकसद झपटमारी की घटनाओं पर पूरी तरह से लगाम लगाना है। इसकी जिम्मेदारी थाना स्तर के अधिकारियों को दी गई है। घापिक्स अभियान के दौरान पुलिसकर्मी इलाके में गश्त बढ़ाएंगे। नए निर्देश के मुताबिक, रात 12 बजे से सुबह के 4 बजे तक इंस्पेक्टर लॉ एंड आर्डर, सुबह 6 बजे से 8 बजे तक इंस्पेक्टर इंवेस्टिगेशन की ड्यूटी रहेगी। इसी तरह शाम 4 से रात के 8 बजे तक एसीपी व इंस्पेक्टर ला एंड आर्डर, वहीं रात 8 बजे से 12 बजे तक एसएचओ को सुपरवाइजरी ऑफिसर बनाया गया है। इस दौरान इनकी नजर इलाके में होनी चाहिए। इस दौरान अगर इनके इलाके में झपटमारी की वारदात होती है जो उस समय के तो संबंधित सुपरवाइजरी ऑफिसर को जिम्मेदार माना जाएगा और उसका साप्ताहिक अवकाश रद्द कर दिया जाएगा।