नई दिल्ली : दिल्ली के एक सरकारी अस्पताल में कथित तौर पर वेंटिलेटर उपलब्ध न होने के कारण एक नवजात शिशु की मौत हो गई, जिसके बाद गुस्साए परिजनों ने एक नर्स को कुछ देर के लिए कमरे में बंद कर दिया। अस्पताल के सूत्रों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बच्चे का जन्म बृहस्पतिवार को मालवीय नगर में दिल्ली सरकार द्वारा संचालित अस्पताल में हुआ था और उसे लुटियंस दिल्ली में केंद्र सरकार द्वारा संचालित अस्पताल में रेफर किया जाना था क्योंकि इस अस्पताल में वेंटिलेटर की कमी थी।
बाद में केंद्र सरकार द्वारा संचालित अस्पताल में बच्चे की मौत हो गई, जिसके बाद नवजात के नाराज रिश्तेदारों ने अस्पताल की नर्स को कुछ समय के लिए एक कमरे में बंद कर दिया। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि स्वास्थ्यकर्मी को कथित तौर पर बंद करने को लेकर आए फोन के बाद एक टीम को अस्पताल भेजा गया। अधिकारी ने बताया कि घटना के संबंध में अभी तक कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है।
ये घटना पंडित मदन मोहन मालवीय अस्पताल की है। गुस्साए परिजनों ने महिला नर्स को कमरे में बंद कर दिया। डॉक्टरों के काफी अनुरोध के बाद भी उन्होंने नर्स को नहीं छोड़ा जिसके बाद पुलिस को फोन कर दिया गया। पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर रही है।
दुखी और गुस्साए माता-पिता ने जाते-जाते कहा कि वे अब चाहे मर भी जाएंगे पर कभी अस्पताल नहीं आएंगे उनका अस्पताल पर से भरोसा उठ गया है। वे नवजात का शव अपने साथ ले गए। उन्होंने कहा कि जन्म के बाद से ही बच्चे को बुखार आने की समस्या थी, कई जगह घूमने के बाद इस अस्पताल में भर्ती कराया।
करीब तीन दीन तक घुमाने के बाद इन्होंने बताया कि बच्चे के दिल में परेशानी हो सकती है जिसके इलाज के लिए उनके पास मशीनें नहीं है। जब परिजनों ने उसे दूसरे अस्पताल रेफर करने की मांग की तो उन्होंने लापरवाही से कहा कि वे ऐसा नहीं कर सकते हैं वे चाहें तो बच्चे को यहां से ले जा सकते हैं।