- दिल्ली में कोरोना के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 2,42,899 पर पहुंच गई है
- दिल्ली में मृतकों की संख्या बढ़कर 4,945 हो गई हैं
- दिल्ली में वर्तमान में 32,064 मरीज उपचाराधीन हैं
नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोनो वायरस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। ऐसे में दिल्ली के अधिकांश प्राइवेट अस्पतालों में लगभग सभी आईसीयू बेड अब भरे हुए हैं। आपको बता दें कि केवल गंभीर रूप से बीमार रोगियों को कोविड आईसीयू बेड की आवश्यकता होती है। डॉक्टरों के अनुसार, पिछले 10 दिनों में आईसीयू में भर्ती होने वाले रोगियों में 4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
'इंडिया टुडे' की खबर के अनुसार, दिल्ली के निवासी बद्रीनाथ (77) कोरोना पॉजिटिव निकले। ऑक्सीजन लेवल 80 से नीचे जाने के बाद उनका परिवार आईसीयू बेड खोजने के लिए एक निजी अस्पताल से दूसरे अस्पताल भागा। आखिर में उन्हें दिल्ली सरकार के राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में एक आईसीयू बेड मिला।
बद्रीनाथ की पोती सोनाली भियानी ने कहा, 'हम उन्हें कार में लेकर मैक्स अस्पताल और सर गंगाराम गए, लेकिन बेड नहीं मिला। उनकी हालत बहुत खराब हो गई थी। बहुत सारी सिफारिशों के बाद उन्हें आखिरकार राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में एक बेड मिला।'
दिल्ली कोरोना ऐप के अनुसार, दिल्ली के अधिकांश निजी अस्पतालों में आईसीयू बेड उपलब्ध नहीं हैं। वेंटिलेटर के साथ कुल 1,264 आईसीयू बेड हैं। इनमें से 500 उपलब्ध हैं और 764 के आसपास भरे हुए हैं। चूंकि निजी अस्पतालों में आईसीयू बेड नहीं हैं, इसलिए बोझ अब सरकारी अस्पतालों पर आ गया है। दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध 14,996 कुल बिस्तरों में से 7,043 भरे हुए हैं।
डॉ. अजीत जैन, नोडल अधिकारी राजीव गांधी अस्पताल ने कहा, '15 दिन पहले आईसीयू बेड खाली थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है। हम बेड्स की संख्या बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं क्योंकि दिल्ली सरकार के अस्पतालों पर फिर से दबाव है।'
बाहरियों से बढ़ा दबाव
दिल्लीवासियों के अलावा, पड़ोसी राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान के मरीज भी इलाज के लिए दिल्ली में आ रहे हैं। इससे राज्य के भीतर कोरोनो वायरस रोगियों के लिए बेड की कमी हो रही है। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि निजी अस्पतालों में अब आईसीयू बेड की कमी हो सकती है, दिल्ली सरकार उन्हें बढ़ाने की कोशिश कर रही है। दिल्ली सरकार के आंकड़ों के अनुसार, 5 अगस्त से 28 अगस्त तक, लगभग 541 रोगियों को दिल्ली के अस्पतालों में भर्ती कराया गया था। इनमें 218 मरीज दिल्ली के थे, जबकि 323 दिल्ली के बाहर के थे।