नई दिल्ली : दिल्लीवासियों के लिए कोरोना टीका खरीदने की मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुहिम को झटका लगा है। अमेरिकी कंपनियों मॉडर्ना और फाइजर दोनों ने सीधे दिल्ली सरकार को अपना टीका बेचने से मना कर दिया है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार से इन टीका निर्माता कंपनियों से वैक्सीन खरीदकर राज्यों में वितरित करने की अपील की है। दिल्ली के सीएम ने कहा कि कंपनियों का कहना है कि वे टीके के लिए भारत सरकार से डील करेंगी।
भारत सरकार से करेंगी डील
दिल्ली के सीएम ने सोमवार को कहा, 'हमने टीका खरीदने के लिए अमेरिकी कंपनियों मॉडर्ना एवं फाइजर से बातचीत की लेकिन दोनों कंपनियों ने सीधे दिल्ली सरकार को टीका बेचने से इंकार कर दिया। इन कंपनियों का कहना है कि वे टीके की डील केवल भारत सरकार से करेंगी। मैं केंद्र सरकार से अपील करता हूं कि वह इन कंपनियों से कोरोना टीके का आयात कर राज्यों में वैक्सीन वितरित करे।' केजरीवाल ने रविवार को कहा कि वह दिल्ली में टीके की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कई कंपनियों के साथ संपर्क में हैं। मॉडर्ना ने पंजाब सरकार को भी अपनी टीका बेचने से इंकार किया है।
दिल्ली को कोरोना संक्रमण से राहत मिली
कुछ दिनों पहले कोरोना के प्रकोप से कांपने वाली दिल्ली को थोड़ी राहत मिली है। पिछले कुछ दिनों से कोरोना संक्रमण के नए मामलों और मौतों में कमी आई है। संक्रमण की दर भी गिरकर करीब तीन प्रतिशत हो गई है। गत रविवार को बीते 24 घंटों में कोरोना संक्रमण के करीब 1600 नए केस मिले। केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण होता दिख रहा है। राजधानी से लॉकडाउन हटाने पर उन्होंने कहा कि आंकड़ों में गिरावट यदि आगे भी जारी रही तो वह सिलसिलेवार ढंग से प्रतिबंध हटाएंगे। मुख्यमंत्री ने लॉकडाउन की अवधि बढ़ाकर 31 मई की सुबह 5 बजे तक कर दी।
राजधानी में 19 अप्रैल से लागू है लॉकडाउन
दिल्ली में गत 19 अप्रैल से लॉकडाउन लागू है। इस दौरान सभी गैर-जरूरी गतिविधियों पर रोक लगी हुई है। केजरीवाल ने माना कि लॉकडाउन की वजह से संक्रमण के मामलों में कमी आई है। उन्होंने सहयोग के लिए दिल्लीवासियों को धन्यवाद दिया। गत शनिवार को दिल्ली में संक्रमण के 2,260 नए केस मिले। केजरीवाल ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर दिल्ली के लिए 80 लाख टीका उपलब्ध कराने की मांग की है। सीएम का कहना है कि दिल्ली में 18 साल से ज्यादा उम्र वाले व्यक्तियों के लिए वैक्सीन खत्म हो गई है और इसके चलते उन्हें टीकाकरण केंद्रों को बंद करना पड़ रहा है।