- पूर्वी दिल्ली के सांसद गौतम गंभीर की बढ़ सकती हैं मुश्किलें
- फैबिफ्लू बांटने के मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने जांच के आदेश दिए
- कोर्ट ने डीसीजीआई से एक सप्ताह में अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा
नई दिल्ली : आने वाले दिनों में पूर्वी दिल्ली से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद गौतम गंभीर की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। दरअसल, दिल्ली हाई कोर्ट ने ड्रग कंट्रोलर (डीसीजीआई) से फैबिफ्लू दवा बांटने के आरोपों की जांच करने के लिए कहा है। हाई कोर्ट में दायर अर्जियों में क्रिकेटर से नेता बने गंभीर एवं अन्य दो लोगों पर दवाओं की जमाखोरी करने का आरोप लगाया गया है। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा कि हो सकता है कि दवा वितरित करने का भाजपा सांसद का इरादा नेक हो लेकिन बड़ी मात्रा में दवा खरीदकर उन्होंने नियम तोड़ा है।
हाई कोर्ट ने जांच के आदेश दिए
कोर्ट ने कहा, 'जांच में जो भी सामने आए। पहले ड्रग कंट्रोलर को इसकी जांच करने दें। गौतम गंभीर राष्ट्रीय खिलाड़ी रहे हैं। हमें पता है कि इनका इरादा नेक है। लेकिन दवाओं को लेकर जिस तरह से इन्होंने काम किया है उससे कहीं न कहीं नियम को ठेस पहुंची है..ऐसा हो सकता है कि उन्होंने ऐसा जानबूझकर न किया हो।' कोर्ट ने कहा कि गंभीर ने अपनी संस्था के जरिए किसी डॉक्टर गर्ग के नुस्खे पर फैबिफ्लू की 2628 पत्ते खरीदे।
आप नेताओं के खिलाफ भी होगी जांच
साथ ही कोर्ट ने डीसीजीआई से आम आदमी पार्टी के नेता प्रवीण कुमार और प्रीति तोमर के खिलाफ लगे आरोपों की जांच करने के लिए भी कहा। आप के इन नेताओं पर मेडिकल ऑक्सीजन की जमाखोरी करने के आरोप लगे हैं। गंभीर के खिलाफ यह जांच होगी कि कैसे एक डॉक्टर की पर्ची पर इतनी बड़ी संख्या में फैबिफ्लू दवा जारी कर दी गई।
एक सप्ताह में रिपोर्ट देगा डीसीजीआई
कोर्ट ने इस मामले में डीसीजीआई से एक सप्ताह में अपनी जांच रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा है। कोर्ट ने कह, 'आप यह पता लगाएं कि इस पूरे मामले में किसी के खिलाफ कार्रवाई की जानी है।'