- सत्येंद्र जैन ने कहा कि कोयले का स्टॉक 15 दिन से कम नहीं होना चाहिए।
- NTPC के ज्यादातर प्लांट 55% पर काम कर रहे है।
- उन्होंने कहा कि अगर फुल कैपेसिटी पर काम करेंगे तो 1 से 2 दिन का ही स्टॉक है।
नई दिल्ली : कोयले की कमी की वजह से बिजली संकट के बादल मंडरा रहे हैं। यह चिंता का विषय बन गई है। दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि कोयले का स्टॉक 15 दिन से कम नहीं होना चाहिए ,ज्यादातर प्लांट्स में भी 1-2 दिन का ही है। NTPC के ज्यादातर प्लांट 55% पर काम कर रहे है, अगर फुल कैपेसिटी पर काम करेंगे तो 1 से 2 दिन का ही स्टॉक है। कोयले की बहुत बड़ी दिक्कत है। दिक्कत है तभी यूपी के मुख्यमंत्री ने पत्र लिखा है। बिजली की समस्या है अगर मानेंगे। दिल्ली में अभी पीक डिमांड 4562 है जबकि पहले ये 7400 तक गई थी इतनी कम डिमांड के बाद भी हम 17 रुपए से 20 रुपए में बिजली खरीद रहे है।
गैस बहुत महंगी है गैस प्लांट तभी चलाते है जब बिजली की बहुत किल्लत होती है दिल्ली के तीनों प्लांट की कैपेसिटी 1900 mw की क्षमता के है अभी 1300 MW बिजली बन रही है अभी ये बिजली 17.25 रुपए से ज्यादा पड़ रही है। NTPC से 4000 MW पावर मिलती है लेकिन अभी आधी भी नहीं बिजली मिल रही है। अगर हमें जानकारी नहीं है तो यूपी के मुख्यमंत्री तो उन्हीं के हैं उन्होंने क्यों पत्र लिखा है और पूरे देश में पावर कट क्यों लग रहे हैं।
नरेंद्र मोदी हमारे देश के प्रधानमंत्री हैं तो उन्हें तो पत्र लिखेंगे ही बाकी राज्यों के मुख्यमंत्री ने भी लिखा है। अभी मौसम की वजह से डिमांड कम होने की वजह से हालात थोड़े ठीक है।
इसी बीच केंद्रीय बिजली मंत्री आर के सिंह ने ताप संयंत्रों में कोयले के भंडार की स्थिति की समीक्षा की, इसमें दिल्ली की वितरण कंपनियों को आपूर्ति करने वाले बिजली प्लांट शामिल हैं। मंत्री ने निर्देश दिया कि दिल्ली की वितरण कंपनियों को उनकी मांग के अनुसार बिजली दी जाए।