- ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ कैंपेन 21 अक्टूबर से 15 नवंबर तक चलेगा
- अभियान का केंद्र ट्रैफिक पुलिस की तरफ से चिंहित किए गए दिल्ली के 100 व्यस्त चौराहे होंगे
- स्कूली बच्चों को भी शिक्षकों के माध्यम से अभियान में शामिल किया जाएगा
दिल्ली में पराली के धुएं की मार पिछले सालों की तरह इस बार भी अपना रंग दिखा रहा है लेकिन इस बार स्थिति थोड़ी जुदा है और दिल्ली की आप सरकार (AAP) ने इस बार प्रदूषण को लेकर खास कदम उठाए हैं, सीएम अरविंद केजरीवाल द्वारा 'युद्ध, प्रदूषण के विरुद्ध' (War against Pollution) अभियान के तहत दिल्ली में शुरू किए गए ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ कैंपेन (Red light on Vehicle off Campaign) को जन आंदोलन का रूप देने के लिए दिल्ली सरकार (Delhi Govt) ने कमर कस ली है।
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय (Gopal Rai) ने कहा कि वाहनों के प्रदूषण को कम करने के लिए सरकार 21 अक्टूबर से 15 नवंबर तक ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ कैंपेन शुरू कर रही है और इस दौरान प्रवर्तन की कार्यवाही नहीं की जाएगी।पहले तीन दिनों तक रेड लाइट पर वाहन चालकों को लाल गुलाब का फूल देकर गांधीगिरी के माध्यम से वाहन बंद करने की अपील करेंगे।
दिल्ली सरकार 2500 पर्यावरण मॉर्शल नियुक्त कर रही है
गोपाल राय ने बताया कि अभियान का केंद्र ट्रैफिक पुलिस द्वारा चिंहित दिल्ली के 100 व्यस्त चौराहे होंगे। इसके लिए सरकार 2500 पर्यावरण मॉर्शल नियुक्त कर रही है। उन्होंने बताया कि दो शिफ्ट में चलने वाले अभियान के दौरान हर चौराहे पर 10-10 मॉर्शल तैनात होंगे, जबकि आईटीओ समेत 10 सबसे बड़े चौराहों पर दोगुने मॉर्शल तैनात किए जाएंगे।
स्थानीय एसडीएम, ट्रैफिक पुलिस के एसीपी और परिवहन विभाग के डीसी ( प्रवर्तन) मॉर्शलों पर नजर रखेंगे। साथ ही, दिल्ली के सभी सांसदों, विधायकों, पार्षदों, राजनीतिक दलों, आरडब्ल्यूए, औद्योगिक व सामाजिक संगठनों और एनजीओं को पत्र लिख कर अभियान में शामिल होने की अपील करेंगे। हमें भरोसा है कि यह अभियान देश में एक नया रोल मॉडल खड़ा करेगा।
नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाने से पीछे नहीं हटेंगे
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के खिलाफ मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रदूषण के खिलाफ अभियान शुरू किया है। इसके पहले चरण में हम लोगों ने पूरे दिल्ली के अंदर ‘एंटी डस्ट’ (Anti Dust Campaign) अभियान चलाया। सरकार ने नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है और आगे भी पूरे दिल्ली के अंदर अगर कोई नियमों का उल्लंघन करता है, तो सरकार इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगी।
पर्यावरण विभाग के साथ-साथ डीपीसीसी, पीडब्ल्यूडी, एमसीडी, डीडीडी एरिगेशन विभाग, प्राइवेट और व्यक्तिगत जितने तरह के निर्माण कार्य चल रहे हैं, उन सभी लोगों से मेरी अपील है कि यह दिल्ली जितनी हमारी है, उतनी ही आपकी भी है। हम सबको जिम्मेदारी उठाने की जरूरत है। हम नहीं चाहते हैं कि कोई कठोर कदम उठाएं, लेकिन इस कोविड-19 के समय में लोगों की जिंदगी बचाने के लिए जब कोई रास्ता नहीं बचता है, तो मजबूरी में हमें सख्त कदम उठाने पड़ते हैं और आगे भी सरकार इससे पीछे नहीं हटेगी।
‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ कैंपेन 21 अक्टूबर से 15 नवंबर तक रहेगा प्रभावी
गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली के अंदर पराली को गलाने के लिए बायो डीकंपोजर के छिड़काव का काम तेजी से चल रहा है। हमारी कृषि विभाग की टीमें लगी हुई हैं और गांवों में प्रतिदिन छिड़काव काम चल रहा है। अगले चरण में व्हीकल प्रदूषण को कम करने के लिए दिल्ली में पहली बार रेड लाइट पर जलने वाले ईंधन को रोकने के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी ने दिल्ली के अंदर ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ अभियान लॉन्च किया है।
हमने शुक्रवार को सभी संबंधित विभागों के साथ अभियान को जमीन पर उतारने के लिए विस्तार से योजना बनाने के लिए बैठक की थी, जिसमें पर्यावरण विभाग, डीपीसीसी, ट्रैफिक पुलिस, परिवहन और राजस्व विभाग के अधिकारी शामिल हुए थे और हमने अधिकारियों को आज अपना डिटेल एक्शन प्लान सौंपने के निर्देश दिए थे। सभी से बातचीत के बाद यह निर्णय हुआ है कि 21 अक्टूबर से दिल्ली के अंदर‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ यानि लाल बत्ती पर गाड़ी बंद अभियान को हम लोग दिल्ली के अंदर जमीन पर शुरू करने जा रहे हैं। 21 अक्टूबर से 15 नवंबर तक दिल्ली के अंदर जमीन पर यह अभियान जारी रहेगा।
दिल्ली के 100 व्यस्त चौराहों पर पर्यावरण मॉर्शल करेंगे मदद
यह जागरूकता अभियान होगा, इसमें प्रवर्तन का कार्य नहीं किया जाएगा। यह पूरी तरह से जागरूकता कार्यक्रम होगा। इसका स्वामित्व दिल्ली के लोगों का होगा, जो दिल्ली के प्रदूषण को लेकर चिंतित हैं, दिल्ली के पर्यावरण को ठीक रखना चाहते हैं, अपने बच्चों की जिंदगी, अपने बुजुर्गों और अपने सांसों के ऊपर जो संकट है, उससे मुक्ति चाहते हैं, उन सब लोगों को अभियान की जिम्मेदारी लेनी पड़ेगी। यह दिल्ली के दो करोड़ लोगों का अभियान है। हमें स्वेच्छा इस अभियान में हिस्सेदारी करनी है। किसी तरह का कोई भी प्रवर्तन नहीं किया जाएगा।
सरकार ने इसे स्वयं भागीदारी के आधार पर आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है। यह अभियान सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक चलाया जाएगा। इसके लिए ट्रैफिक पुलिस ने दिल्ली के 100 प्रमुख व्यस्त चौराहों को चिंहित करके हमें सूची दी है। हमारे अभियान का केंद्र बिंदु यह प्रमुख 100 चौराहों का क्षेत्र होगा। हम इन चैराहों पर अभियान को चलाने के लिए 2500 पर्यावरण मार्शल नियुक्त कर रहे हैं। पर्यावरण माॅर्शल की हर चौराहे पर दो शिफ्ट में नियुक्ति की जाएगी। पहली शिफ्ट सुबह 8 बजे से दोपहर के 2 बजे तक होगी, जिसमें 10 माॅर्शल हर चौराहे पर लगाए जाएंगे। दूसरी शिफ्ट दोपहर 2 बजे से रात 8 बजे तक होगी। उसने भी 10 मॉर्शल प्रत्येक चौराहों पर लगेंगे।
फूल देकर गांधीगिरी के माध्यम से वाहन बंद करने की होगी अपील
दिल्ली के आईटीओ जैसे बड़े चौराहों पर सिविल डिफेंस की संख्या दोगुनी होगी। ट्रैफिक पुलिस ने ऐसे प्रमुख 10 चौराहों की सूची दिए हैं। इन चैराहों पर दोगुना मार्शल नियुक्त किए जा रहे हैं। दस चौराहों पर अतिरिक्त 10 मॉर्शल लगाएंगे। इसके अलावा हमने 300 मार्शल रिजर्व में रखे हैं, ताकि कही जरूरत पड़ने पर उनको नियुक्त किया जा सके। सभी मॉर्शल का प्रशिक्षण पूरा हो गया है। यह सारे चौराहे 11 जिलों में अलग-अलग विभाजित हैं। हर जिले से चौराहे लिए गए हैं। इसके लिए जिलाधिकारी, ट्रैफिक पुलिस और परिवहन विभाग के अधिकारियों के दिशा निर्देशन में पर्यावरण मॉर्शल के प्रशिक्षण कार्य पूरा किया गया है। अब जिलावार स्तर पर अलग-अलग चौराहों पर इनकी नियुक्ति का काम किया जा रहा है। इनकी गतिविधि पर निगरानी के लिए एसडीएम की नियुक्ति की जा रही है। साथ ही, ट्रैफिक पुलिस के एसीपी होंगे और जरूरत पड़ने पर प्रवर्तन विभाग के डीसी को भी लगाया जाएगा, जो निगरानी का कार्य करेंगे।
सभी ढाई हजार मॉर्शल टी-शर्ट, टोपी, प्लेकार्ड और चौराहों पर स्टैंडी के साथ खड़े होंगे, जो लोगों को जागरूक करने का काम करेंगे। चूंकि हम प्रवर्तन का कार्य नहीं कर रहे हैं। इसलिए शुरुआती 3 दिनों तक हर चौराहे पर पर्यावरण मार्शल रेड लाइट पर अपने वाहन बंद नहीं करने वाले लोगों को गुलाब का फूल देकर के गांधीगिरी के माध्यम से अपील करेंगे कि आप अपने बच्चों के लिए इस मुहिम में शामिल होइए। सरकार सबकुछ कर रही है, लेकिन दिल्ली के नागरिकों की भी जिम्मेदारी है, आपका दो मिनट लोगों की जिंदगी के लिए बहुत कारगर साबित हो सकता है। इसने आपका ईंधन भी बचता है और लोगों की जिंदगी भी बचती है।
दिल्ली के सभी सांसद, सभी विधायक और सभी पार्षदों को भी पत्र लिखा जाएगा
पर्यावरण मंत्री ने कहा कि इस अभियान को जन आंदोलन बनाने के लिए दिल्ली के सभी सांसद, सभी विधायक और सभी पार्षदों को भी पत्र लिखा जाएगा। इन लोगों से संवाद किया जाएगा कि वे भी अपने क्षेत्र में लोगों को जागरूक करें। दिल्ली के राजनीतिक दलों को भी चिट्ठी लिख कर हम अपील करेंगे कि वे और उनके संगठन के लोग इस पूरे अभियान में भाग लें। इसके साथ दिल्ली के सभी आरडब्ल्यूए, मार्केट एसोसिएशन, इको क्लब, औद्योगिक संगठन फिक्की व एसोचैम के साथ पर्यावरण के लिए काम करने वाले एनजीओ, ऑफिसर्स एसोसिएशन और कर्मचारी एसोसिएशन, ट्रेड यूनियन, वर्किंग फोर्स आदि सभी लोगों को सरकार की तरफ से पत्र जाएगा और उन से भी हमारी अपील है कि आप अपने संगठन के माध्यम से भी ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ यानि लालबत्ती पर गाड़ी बंद करने के अभियान में भाग लें।
क्योंकि जो भी लोग बाइक, कार, ट्रक, ऑटो या बस लेकर सड़क पर उतरते हैं, वो सभी लोग जब सामूहिक प्रयास करेंगे, तो दिल्ली में वाहन प्रदूषण को 15 से 20 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है। इसलिए इस पूरे अभियान को एक जन आंदोलन बनाने की तरफ सरकार बढ रही है।
इस खास कैंपेन में स्कूली बच्चों को भी किया जाएगा शामिल
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि इस अभियान में हम स्कूली बच्चों को भी शामिल करेगे। दिल्ली में अभी ऑनलाइन क्लास चल रही है, इसलिए हम शिक्षकों के माध्यम से ऑनलाइन क्लास लेने वाले बच्चों को जागरूक करने का काम करेंगे, ताकि वे अपने परिवार में या कहीं जा रहे हैं, तो लोगों को जागरूक कर सकें। उन्होंने बताया कि पहली बार जब हम लोगों ने दिल्ली में ऑड-ईवन स्कीम लागू की थी, उसमें बच्चों ने सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। लोग अगर घरों से ऑड वाले दिन ईवन नंबर की गाड़ी लेकर निकलते थे, तो बच्चे उनको याद दिला देते थे कि आज दूसरी गाड़ी का नंबर है और वे चाबी ले लेते थे। हम बच्चों को भी ऑनलाइन क्लासेज के माध्यम से अभियान में शामिल करने की तरफ बढ़ेंगे।
इस तरह 21 अक्टूबर से अभियान को जमीन पर पूरी तरह से शुरू करने जा रहे हैं। साथ ही साथ जागरूकता के लिए बड़े पैमाने पर हम लोग मीडियम, विज्ञापन और एफएम के माध्यम से इस अभियान को आगे बढ़ाएंगे। हमें भरोसा है कि रेड लाइट अभियान देश के अंदर एक नया रोल मॉडल खड़ा करेगा, जिसमें बिना किसी के तकलीफ के सिर्फ अपना व्यवहार बदलकर हम अपने आदत को बदलते हैं, तो पीएम 2.5 में जो सबसे बड़ी भूमिका वाहन प्रदूषण का होता है, उसने भी कमी करने में हम सफल होंगे।