- दिल्ली की वायु गुणवत्ता में मामूली सुधार, बुधवार से खराब होने की संभावना
- दिल्ली सरकार ने प्रदूषण पर लगान लगाने की कई पहल की
- अरविंद केजरीवाल सरकार ने पर्यावरण मंत्रालय से साथ देने की अपील की।
नई दिल्ली। दिल्ली की हवा की गुणवत्ता में मामूली सुधार हुआ है। लेकिन बताया जा रहा है कि बुधवार तक 'बहुत खराब' होने की संभावना ह। राजधानी मंगलवार की सुबह अनुकूल हवा की गति के कारण, हालांकिहवा की गुणवत्ता अभी भी "खराब" श्रेणी में थी।पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता की निगरानी करने वाली संस्था SAFAR ने कहा कि वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) के फिसलने की संभावना थीमें परिवर्तन के कारण बुधवार तक "बहुत गरीब" श्रेणी हैहवा की दिशा और हवा की गति में कमी।शहर ने सुबह 9 बजे 227 का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) दर्ज कियामंगलवार को। 24 घंटे की औसत AQI सोमवार को 244 थी। ये थारविवार को 254 और शनिवार को 287 थी।
वायु की गुणवत्ता पर पीएम 2.5 का असर
वायु की गुणवत्ता वायुमंडल में प्रदूषकों के बढ़ने के साथ राष्ट्रीय राजधानी में बिगड़ती है।दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) के आंकड़ों के अनुसार आनंद विहार के दृश्य जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 'गरीब' श्रेणी में 252 वें स्थान पर है। जानकारों का कहना है कि दिल्ली में वायु की गुणवत्ता के लिए तेज हवा का होना जरूरी है। लेकिन सिर्फ इस पर निर्भर नहीं रहा जा सकता। दरअसर वायुमंडलीय दवाब की वजह से हवा का चलना सुनिश्चित हो पाता है।
दिल्ली सरकार की विशेष पहल
वायु की गुणवत्ता बेहतर बनाने के लिए दिल्ली सरकार की तरफ से खास मुहिम शुरू की गई है। इसके लिए रेडलाइट ऑन, गाड़ी अभियान भी चलाया जाएगा। इसके साथ ही सीपीसीबी के दिशानिर्देश के मुताबिक डीजल जेनसेट के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है। यही नहीं निर्माण कार्य वाले जगहों पर एंटी स्मॉग गन का इस्तेमाल किया जा रहा है। आम आदमी पार्टी की सरकार ने केंद्र सरकार से अपील करते हुए कहा है कि वो पराली के जलाए जाने पर रोक लगाने के लिए संबंधित राज्य सरकारों पर जोर डाले।