- दिल्ली में हाल के दिनों में कोरोना के मामलों में इजाफा
- त्यौहारी सीजन की वजह से आरटीपीसीआर की संख्या में होगी बढ़ोतरी
- दिल्ली में कोरोना के करीब 57 फीसद बेड खाली
नई दिल्ली। देश भर में कोरोना संक्रमितों की संख्या में कमी आ रही है। लेकिन राजधानी दिल्ली में पिछले कुछ दिनों में कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। केजरीवाल सरकार कोरोना के बढ़ते हुए मामलों से निपटने के लिए तमाम सारे दावे कर रही है। इन सबके बीच यह फैसला किया गया था कि कोविड 19 की वजह से जो लोग होम आइसोलेशन में हैं उनके घरों पर पोस्टर लगाए जाएंगे। लेकिन दिल्ली हाईकोर्ट ने इस फैसले पर रोक लगा दी है।
होम आइसोलेशन वाले मरीजों के घर से पोस्टर हटाएं
दिल्ली हाईकोर्ट ने साफ कर दिया है कि जो लोग कोविड 19 की वजह से होम आइसोलेशन में हैं उनके घरों पर पोस्टर नहीं लगाए जाएंगे। यही नहीं जिन लोगों के घरों पर पोस्टर लगाए गए हैं वहां से पोस्टर तुरंत हटा दिए जाएं। दरअसल कोरोना मरीजों की पहचान करने के लिए यह व्यवस्था अमल में लाई गई थी। लेकिन इस व्यवस्था पर दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि इसे किसी भी सूरत में उचित नहीं कहा जा सकता है।
आरटी-पीसीआर टेस्ट को बढ़ाया जाएगा
त्योहारी सीजन में लोगों की लापरवाही को कोरोना के बढ़ते मामलों के लिए जिम्मेदार बताया गया है। केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने उच्चस्तरीय बैठक कर दिल्ली में कोरोना की स्थिति की समीक्षा की थी। दिल्ली के क्रिटिकल जोन में टेस्टिंग को और बढ़ाने की कोशिशें की जाएंगी। रेस्तरां, बाजार, सैलून, नाई की दुकान जैसी संवेदनशील जगहों में आरटी-पीसीआर टेस्ट बढ़ाया जाएगा। दिल्ली के अस्पतालों में कोरोना मरीजों के लिए पर्याप्त बेड उपलब्ध हैं। बयान के मुताबिक दिल्ली में कोरोना मरीजों के लिए कुल 15 हजार से ज्यादा बेड हैं जिनमें से 57 प्रतिशत खाली हैं।