- प्रवर्तन निदेशालय का कहना है कि सुकेश ने जेल अधिकारियों को रिश्वत दी
- वह तिहाड़ जेल से ही फिरौती के अपने नेटवर्क को बेखौफ होकर चला रहा था
- कोर्ट ने सुकेश से उन अफसरों का नाम बताने के लिए कहा है जिन्हें उसने रिश्वत दी
Sukesh Chandrasekhar : सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को ठग सुकेश चंद्रशेखर मामले में अहम सुनवाई हुई। सुकेश ने कबूला है कि तिहाड़ जेल में प्रताड़ना से बचने के लिए और जेल से अपना सिंडिकेट चलाने के लिए उसने जेल के अधिकारियों को 12 करोड़ रुपए से ज्यादा की रिश्वत दी। प्रवर्तन निदेशालय का भी कहना है कि रिश्वत की वजह से जेल अधिकारियों ने उसे सिंडिकेट चलाने के लिए पूरी छूट दी थी। इसे ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने कहा कि वह 'मामले की तह तक' जाएगा। ठग सुकेश से रिश्वत लेने वाले जेल के अधिकारी कौन थे, अदालत ने उनका नाम बताने को कहा। कोर्ट ने यह भी पूछा कि जेल में रहते हुए उसने रकम की व्यवस्था कैसे की।
सुकेश ने दिल्ली से बाहर जेल में भेजे जाने की मांग की है
रिपोर्टों के मुताबिक मामले की सुनवाई करने वाली जस्टिस यूयू ललित, जस्टिस एस रवींद्र भट्ट एवं जस्टिस सुधांशु धूलिया की पीठ ने कहा कि तिहाड़ जेल के जिन अधिकारियों को कथित रूप से रिश्वत दी गई, सुकेश को उनके नाम बताने चाहिए। ठग सुकेश ने खुद को दिल्ली से बाहर किसी जेल में भेजने की मांग की है। इस मामले की सुनवाई 26 जुलाई के लिए आगे बढ़ाते हुए कोर्ट ने कहा कि सुकेश ने तिहाड़ के जिन अफसरों को कथित रूप से रिश्वत दी, उनका पूरा ब्योरा एवं नाम कोर्ट के सामने आना चाहिए।
चंद्रशेखर को पैसे देने के लिए बाध्य किया गया-वकील
ईडी ने शीर्ष अदालत को बताया कि जेल से अपना अवैध सिंडिकेट चलाने के लिए सुकेश ने जेल के अधिकारियों को रिश्वत दी। चूंकि तिहाड़ जेल से जारी उसकी अवैध गतिविधियों का खुलासा हो गया है, ऐसे में वह दूसरी जेल में स्थानांतरित करने की मांग कर रहा है। वह जेल अधिकारियों को घूस देते पकड़ा गया है। सुकेश की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील आर बसंत ने कहा कि उनके मुवक्किल ने अफसरों को पैसे दिए लेकिन यह रिश्वत नहीं थी। वकील ने कहा कि चंद्रशेखर को पैसे देने के लिए बाध्य किया गया। जेल में उसे धमकियां मिल रही थीं और उसे जेल में प्रताड़ित किया जा रहा था।
बड़ा खुलासा! सारा अली खान, भूमि पेडनेकर, जाह्नवी कपूर से भी दोस्ती करना चाहता था सुकेश चंद्रशेखर
'ऐसी जेल में भेजे जहां दिल्ली पुलिस का नियंत्रण न हो'
जांच एजेंसी ने उसकी अर्जी का विरोध करते हुए अपना विस्तृत हलफनामा दायर किया है। ईडी का कहना है कि जेल के कुछ अधिकारियों को रिश्वत देकर सुकेश ने वहां अपना दफ्तर बनाया था और यहीं से वह अपना फिरौती वाला रैकेट चला रहा था। चंद्रशेखर का कहना है कि देश के अलग-अलग हिस्सों में उसके खिलाफ 37 मामले लंबित हैं। उसने दिल्ली के बाहर किसी जेल में खुद को भेजे जाने की मांग की। ठग का कहना है कि उसे उस जेल में भेजा जाए जहां दिल्ली पुलिस का नियंत्रण न हो।