- दिल्ली के अस्पताल ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे हैं
- दिल्ली के लोगों को रेमडिसिविर इंजेक्शन की कमी का सामना करना पड़ रहा है
- आपदा में अवसर की तलाश कर दवाओं की हो रही है कालाबाजारी
दिल्ली हाईकोर्ट ने कोरोना मामले में सुनवाई के दौरान कहा था कि सरकार इसे लहर बता रही है लेकिन ये तो सुनामी है। अगर दिल्ली हाईकोर्ट की इस टिप्पणी पर ध्यान दें अदालत ने जमीनी हालात को देखते हुए सटीक टिप्पणी की। इस समय देश की राजधानी दिल्ली के अस्पताल ऑक्सीजन की कमी से आफत में है, मरीजों की सांसें उखड़ रही हैं, दवाइयों की एक तरफ किल्लत हैं तो दूसरी तरफ इंसानियत के दुश्मन फायदा उठाने का मौका नहीं छोड़ रहे हैं।
ये हैं इंसानियत के दुश्मन
इस समय देश में रेमडिसिवर की कमी है, इसके साथ ही दूसरी आवश्यक दवाइयां भी समय पर नहीं मिल पा रही हैं। रेमिडिसिवर को इस समय संजीवनी माना जा रहा है और एक एक इंजेक्शन जिंदगी बचाने के लिए जरूरी हो चुकी है। दिल्ली पुलिस ने छापेमारी की और तीन लोगों को रेमिडिसिविर की कालाबाजारी करते पकड़ा। उनके पास से सात वाइल भी बरामद की गई। ये लोग इस दवाई को 70 हजार की कीमत पर बेच रहे थे। इन लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच की जा रही है। आरोपी में से दो लिखित गुप्ता और अनुज जैन की दरियागंज और चांदनीचौक में दुकान है और तीसरा आकाश वर्मा पेशे से जूलर है।
कालाबाजारी पर सख्ती से लगाम की जरूरत
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने दवाइयों के सप्लायर से अपील की है कि वो कोरोना से संबंधित दवाइयों की जमाखोरी ना करें। इसके साथ ही पीएम नरेंद्र मोदी ने राज्य सरकारों से कहा है कि वो यह सुनिश्चित करें कि कोई भी शख्स दवाओं की कालाबाजारी ना कर सके। ऐसा करने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। यूपी सरकार ने पहले ही साफ कर दिया है कि जो कोई भी शख्स ऑक्सीजन की होर्डिंग या कालाबाजारी करते हुए पाया जाएगा उस पर एनएसए तामील किया जाएगा।