तस्वीर साभार: PTI
नई दिल्ली : उपहार सिनेमा आग कांड में अंसल बंधुओं को राहत नहीं मिली है। दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को सजा के निलंबन के लिए दायर उनकी अर्जी खारिज कर दी। कोर्ट से राहत नहीं मिलने पर अंसल बंधु अभी जेल में ही रहेंगे। नौ नवंबर 2021 को दिल्ली की एक अदालत ने 1997 के इस अग्निकांड मामले में साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ करने पर रीयल स्टेट के कारोबारियों सुशील एवं गोपाल अंसल को सात साल की सजा सुनाई। 13 जून 1997 को दक्षिणी दिल्ली के उपहार सिनेमा में आग लगी थी। इस आग में दम घुटने से 59 लोगों की मौत हुई। सिनेमाघर में 'बॉर्डर' फिल्म दिखाई जा रही थी।
दिल्ली उपहार कांड में कब क्या-क्या हुआ
- 13 जून 1997 -को सिनेमाघर में आग लगी। दम घुटने से 59 लोगों की मौत हुई जबकि भगदड़ में 100 से ज्यादा घायल हुए।
- 22 जुलाई 1997- उपहार सिनेमा के मालिक सुशील अंसल एवं उनके बेटे प्रणव को मुंबई से गिरफ्तार किया गया।
- 24 जुलाई 1997-इस अग्निकांड की जांच दिल्ली पुलिस से केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के पास भेजी गई।
- 15 नवंबर 1997 : अग्निकांड मामले में सीबीआई ने पहली बार थियेटर मालिकों सुशील एवं गोपाल अंसल सहित 16 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया।
- 10 मार्च 1999 : सत्र न्यायालय में इस मामले की सुनवाई शुरू हुई।
- 27 फरवरी 2001 : कोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं में आरोप तय किए।
- 24 अप्रैल 2003 : दिल्ली हाई कोर्ट ने मारे गए लोगों के परिजनों के बीच 18 करोड़ रुपए का मुआवजा देने का आदेश दिया।
- 4 सितंबर 2004 : कोर्ट में गवाहों का बयान दर्ज होना शुरू हुआ।
- 21 अगस्त 2007 : कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा।
- 22 अक्टूबर 2007 : न्यायालय ने फैसले की तारीख 20 नवंबर मुकर्रर की।
- 20 नवंबर 2007 : कोर्ट ने सुशील एवं गोपाल अंसल सहित सभी 12 आरोपियों को दोषी करार दिया। अदालत ने दो साल की सजा सुनाई।
- 4 जनवरी 2008 : दिल्ली हाई कोर्ट ने अंसल भाइयों एवं दो अन्य को जमानत दी।
- 11 सितंबर 2008 : सुप्रीम कोर्ट से जमानत खारिज हो जाने पर अंसल बंधुओं को तिहाड़ जेल जाना पड़ा।