- जेएनयू में एक बार फिर छात्रों ने कथित तौर पर मास्क लगाकर काटा बवाल, की मारपीट
- मारपीट में लेफ्ट और एबीवीपी दोनों गुटों के छात्र घायल, जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष को भी लगी चोटें
- लेफ्ट और एबीवीपी ने एक दूसरे पर लगाए मारपीट और हिंसा के आरोप
नई दिल्ली: देश के प्रतिष्ठित जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में एक बार फिर मारपीट की घटना सामने आई है। दो छात्र गुटों के बीच हुई इस हिंसा में कई छात्रों को गंभीर चोटें आई हैं। बता दें कि विंटर सेमेस्टर रजिस्ट्रेशन के लिए पांच जनवरी आखरी दिन था, इसलिए छात्र पंजीकरण करवाना चाहते थे। इस दौरान छात्रों के दोनों गुट आपस में भिड़ गए। हिंसा के बाद जेएनयू के गेट बंद कर दिए गए हैं और बड़ी संख्या में पुलिस बलों की तैनाती कर दी गई है।
लेफ्ट विंग के आरोप
लेफ्ट विंग के छात्रों ने इस मारपीट के लिए एबीवीपी को जिम्मेदार ठहराया है। इस मारपीट में जेएनयू छात्र संगठन के अध्यक्ष आईशी घोष को गंभीर चोटें आईं है। लेफ्ट विंग के छात्रों के मुताबिक, 'एबीवीपी ने जेएनयू में साबरमती ढाबा में भारी तादाद में लाठियों और डंडों से लैस होकर हमला किया और हॉस्टल और कारों के शीशे तोड़े। जेएनयूएसयू अध्यक्ष और जेएनयूएसयू महासचिव सतीश चंद्र यादव सहित कई छात्र घायल हैं।
एबीवीपी ने लेफ्ट छात्रों पर लगाए आरोप
एबीवीपी के मुताबिक,'आज रजिस्ट्रेशन की अंतिम तारीख थी। पिछले तीन दिन से नक्सली इंटरनेट बंद करके रखे हैं। अगर आप लोगों को नहीं रजिस्ट्रेशन करना है तो मत करो लेकिन छात्र पंजीकरण कराना चाहते हैं उन्हें तो करने दो। एक हजार नक्सली हमारे 50 कार्यकर्ताओं को एडमिन ब्लॉक से दौड़ा-दौड़ाकर मारे हैं। साबरमती और पेरियार हॉस्टल में घुसकर मारे हैं। हमारे बहुत सारे कार्यकर्ता सफदरजंग अस्पताल में भर्ती हैं।'
दिल्ली पुलिस ने दिया बयान
दिल्ली पुलिस के सूत्रों के मुताबिक, 'हमें शाम लगभग 6:30 बजे सूचना मिली। तुरंत जिले के पुलिस कर्मियों को अंदर ले जाया गया। वर्तमान में जेसीपी और डीसीपी जेएनयू के अंदर हैं। पिछले 30 मिनट से हिंसा की कोई घटना नहीं हुई। कई कारें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। छात्रों के समूह आपस में भिड़ गए। हम अभी भी घायलों की सूची तैयार कर रहे हैं। वरिष्ठ अधिकारी प्रशासन से बात कर रहे हैं।'
स्थानीय लोगों ने कैंपस गेट के बाहर की नारेबाजी
इस मारपीट के बाद जेएनयू कैंपस के बाहर स्थानीय लोग एकत्र हो गए हैं और कुछ लोग भारत माता की जय के नारे लगा रहे हैं। जेएनयू की इस हिंसा पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी ट्वीट कर कहा है 'जेएनयू में हुई हिंसा से आश्चर्यचकित हैं। छात्रों पर बुरी तरह से हमला किया है और पुलिस को तुरंत इसे रोकना चाहिए। अगर विश्वविद्यालय कैंपस के अंदर छात्र असुरक्षित हैं तो देश कैसे आगे बढ़ेगा।'
दिल्ली सरकार ने घायल छात्रों के लिए सात एंबुलेंस भेजी हैं। कांग्रेस नेता शशि थरूर, रणदीप सुरजेवाला, पी चिंदबरम ने इस घटना की निंदा की है। एबीवीपी छात्र संघ ने ट्वीट कर लिखा, 'एबीवीपी आपने अपने स्वयं के विश्वविद्यालय, अपने प्रोफेसरों और अपने सहपाठियों पर हमला किया है। एबीवीपी के आतंकवादियों को कैंपस में प्रवेश करने के लिए प्रोत्साहित करके, उन्हें यूनियन प्रतिनिधियों को बाहर करने में मदद की। आपने अपने वैचारिक पूर्ववर्तियों की तरह आतंकवादी बर्ताव किया।'