- जल साक्षरता अभियान के लिए नुक्कड़ नाटक किया।
- पर्यावरणविद् आरना वधावन ने चांदनी चौक में चलाया अभियान।
- जल पुरुष के नाम से विख्यात राजेंद्र सिंह रहे मुख्य अतिथि।
नई दिल्ली। पृथ्वी पर मौजूद सभी जीवन रूपों के कामकाज के लिए पानी मूलभूत आवश्यकता है। पृथ्वी के जीवन का समर्थन करने वाला एकमात्र ग्रह होने के पीछे पानी ही कारण है। पानी पूरे पारिस्थितिक तंत्र का पोषण करता है और देशी पौधों और जानवरों के लिए महत्वपूर्ण आवास प्रदान करता हैं। इसलिए जल साक्षरता को समझना जरूरी है। पर्यावरणविद् तरह तरह के प्रयासों से लोगों को जल साक्षरता के बारे में समझा रहे हैं।
हाल ही में पर्यावरणविद् आरना वधावन ने एनजीओ संपूर्णा की अपनी टीम के साथ मिलकर चांदनी चौक के चरती लाल गोयल हेरिटेज पार्क में जल साक्षरता अभियान के लिए नुक्कड़ नाटक किया। कार्यक्रम में जल पुरुष के नाम से विख्यात राजेंद्र सिंह, उपाध्यक्ष गांधी स्मृति विजय गोयल और विधान सभा सदस्य विजेंद्र गुप्ता मुख्य अतिथि रहे। उन्होंने पानी बचाने के लिए संपूर्णा द्वारा किए गए प्रयासों कि सराहना की। संपूर्णा की संस्थापक शोभा गुप्ता ने घटते जलस्रोतों के बारे में लोगों को जागरूक किया।
उन्होंने कहा कि वर्षा जल संचयन एक तकनीक है जिसका उपयोग भविष्य में इस्तेमाल करने के उद्देश्य (जैसे कृषि आदि) के लिये अलग-अलग संसाधनों के विभिन्न माध्यमों के इस्तेमाल के द्वारा बारिश के पानी को बचाकर रखने और इकट्ठा करने की एक प्रक्रिया है। बारिश के पानी को प्राकृतिक जलाशय या कृत्रिम टैंको में एकत्रित किया जा सकता है। जल संचयन का मुख्य उद्देश्य संग्रह नहीं बल्कि भूजल स्तर में वृद्धि करना है।
आगे उन्होंने बताया कि ट्यूबों के माध्यम से एकत्रित पानी को भूजल पुनर्भरण के लिए बनाया जाता है। भूजल का रखरखाव जल संरक्षण के लिए एक दीर्घकालिक स्थायी संरचना है। इसलिए, भूजल के संगठित संग्रह द्वारा भूजल स्तर को बढ़ाने के लिए जल संचयन का उपयोग किया जाता है। एनजीओ संपूर्णा के लिए पानी की राजदूत आरना वधावन ने जल संचयन के महत्व को समझाया जिसके लिए उन्हें मुख्य अतिथियों से सराहना मिली। वहां मौजूद सैकड़ों लोगों ने पानी बचाने के महत्व को समझा और पानी की कमी को रोकने और पानी बचाने के उपाय करने का संकल्प लिया।