- दिल्ली और एनसीआर में आमतौर पर मानसून जून के अंतिम हफ्ते में आता है।
- इस दफा मानसून आने में करीब एक हफ्ते की देरी
- दिल्ली में 29 जून को पहली बार लू चली, आईटीसीजेड का असर
नयी दिल्ली। दिल्ली और एनसीआर में रहने वालों को झमाझम बारिश का इंतजार है। लेकिन काली घटाएं आसमां पर दस्तक देने के साथ उड़न छू हो जाती हैं। अगल बगल के इलाकों में जब कभी बारिश होती है तो शीतल बयार से मन खुश हो जाता है लेकिन सवाल जेहन में तैरने लगता है कि आखिर बारिश कब होगी। आमतौर पर दिल्ली और एनसीआर में बारिश जून के आखिरी हफ्ते में दस्तक देती हैं लेकिन इस दफा यह इंतजार बढ़ा है। दरअसल मौसम विभाग की तरफ से जून के दूसरे हफ्ते में मानसून के दस्तर देने की संभावना बताई गई थी। लेकिन मौसमी हवाओं मे जब अपना रुख बदला को इंतजार बढ़ गया।
दिल्ली में मानसून की दस्तक अब तक नहीं
दिल्ली और उसके निकटवर्ती इलाकों में मानसून ने अब तक दस्तक नहीं दी है और बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी में गर्मी एक बार फिर शहरवासियों को परेशान करने वाली है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के क्षेत्रीय पूर्वानुमान केन्द्र के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया कि दिन में लू चलने और अधिकतम तापमान के 41 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने का अनुमान है।
गरमी के मौसम में पहली बार दिल्ली में चली लू
- मानसून के नदारद रहने के साथ ही सोमवार को दिल्ली में पहली बार इस ग्रीष्मकाल में लू चली और तापमान 43 डिग्री सेल्सियस दर्ज
- किया गया, जो इस साल का अभी तक का सर्वाधिक तापमान था।
- लोधी रोड, रिज और पूसा इलाके में भीषण लू चली, जहां तापमान क्रमश: 42.6 डिग्री सेल्सियस, 43.4 डिग्री सेल्सियस और 44.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से सात डिग्री अधिक था।
- वहीं, नजफगढ़ में तापमान 44.4 डिग्री सेल्सियस, पीतमपुरा में 44.3 डिग्री सेल्सियस और मुंगेशपुर में 44.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इन स्थानों पर भी भीषण लू का प्रकोप था।
- आईएमडी के अनुसार, मैदानी इलाकों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक या सामान्य से 4.5 डिग्री सेल्सियस अधिक होने पर ‘‘लू’’ घोषित की जाती है।
- सामान्य से 6.5 डिग्री अधिक तापमान होने पर ‘‘भीषण’’ लू की घोषणा की जाती है।
- श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘ आम तौर पर राष्ट्रीय राजधानी में 20 जून तक लू चलती है और इसके बाद तापमान कम होने लगता है। इस बार मानसून की देरी की वजह से शायद तापमान बढ़ रहा है।’
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उत्तर पश्चिम भारत में पछुआ हवा
पिछले तीन दिन से बारिश नहीं हुई है और उत्तर पश्चिम भारत के एक बड़े हिस्से में गर्म पछुआ हवाएं चल रही हैं, जहां अभी तक मानसून नहीं पहुंचा था।केरल में दो दिन देरी से पहुंचने के बाद, मानसून सामान्य से सात से 10 दिन पहले पूर्वी, मध्य और आसपास के उत्तर-पश्चिम भारत को कवर करते हुए पूरे देश में पहुंच गया था। मौसम विभाग ने पूर्व में, 12 दिन पहले 15 जून को मानसून के दिल्ली पहुंचने का अनुमान लगाया था। हालांकि पछुआ हवाएं दिल्ली, उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों, राजस्थान, पंजाब और हरियाणा में इसे आगे बढ़ने को रोक रही हैं।आम तौर पर मानसून 27 जून को दिल्ली पहुंच जाता है और आठ जुलाई तक पूरे देश में फैल जाता है। आखिरी बार 2012 में सबसे देरी से सात जुलाई को मानसून दिल्ली पहुंचा था।