- भारत में मानसून को दो हिस्सों में बांटा जाता है जिन्हें समर मानसून और विंटर मानसून के नाम से जाना जाता है
- मशहूर लेखक और विद्वान अल मसूदी ने दीया था बारिश के मौसम को मानसून का नाम
- भारत के किसानों से लेकर अर्थव्यवस्था तक भारतीय मानसून है बेहद महत्वपूर्ण
नई दिल्ली: मॉनसून, बारिश,फुहारें और उमंग। इन सबका हमारे जीवन से नाता तो है ही। बच्चों को मॉनसून का महीना अक्सर पसंद नहीं आता है क्योंकि इस मौसम में उनका खेलना-कूदना बंद हो जाता है। अगर मानसून के आने से आपके बच्चे उदास हो जाते हैं तो आपको उन्हें बारिश के मौसम से आधारित कुछ खास बातें जरूर बतानी चाहिए जिससे आपके बच्चों को इस मौसम का महत्व पता चल सके।
मानसून बेहद खुशमिजाज मौसम माना जाता है। प्रकृति इस वक्त खूबसूरती की चादर ओढ़ लेती है। जब बादल के गरज के साथ बारिश की बूंदे गर्म जमीन पर पड़ती हैं और ठंडी हवाओं में मिट्टी की खुशबू छा जाती है तो मन और तन प्रफुल्लित हो जाते हैं। प्रेमी जोड़ों को खासकर इस मौसम का इंतजार रहता है वहीं कुछ लोग इस मौसम का लुफ्त गर्म चाय और पकौड़ियों के साथ उठाते हैं।
मॉनसून का महीना भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। भारत की आधी से ज्यादा आबादी की जीविका एग्रीकल्चर सेक्टर पर आधारित है और भारत के किसानों के लिए मॉनसून लाइफ-लाइन मानी जाती है। इसीलिए जब भी आपके बच्चे मानसून के मौसम को देखकर उदास होने लगे तो उन्हें इस मौसम के महत्व के बारे में जरूर बताएं। इसके साथ आपको अपने बच्चों को इस लेख में दिए मनसून से आधारित कुछ रोचक तथ्य भी जरूर बताने चाहिए।
किसने की भारतीय मानसून की खोज?
कई जानकार यह बताते हैं कि मॉनसून शब्द अरबी शब्द मौसिम से बना है जिसका अर्थ मौसमी हवाएं होता है। मॉनसून शब्द गढ़ने वाले अल-मसूदी एक बहू प्रख्यात लेखक और विद्वान थे। उन्होंने अपनी किताब में यह भी लिखा था कि इन हवाओं का इस्तेमाल उर्जा के स्रोत के तौर पर भी किया जाता है।
यह तो आप जानते ही होंगे कि भारत में मानसून को दो हिस्सों में बांटा गया है जिन्हें समर मानसून और विंटर मानसून के नाम से जाना जाता है। समर मानसून का आगाज जून और सितंबर महीने के बीच में होता है जो भारत के दक्षिण-पश्चिम इलाकों को प्रभावित करता है और जुलाई के अंत तक यह उत्तर भारत तक पहुंच जाता है। समर मानसून को आप दूसरे शब्दों में साउथवेस्ट मॉनसून भी कह सकते हैं। दूसरी ओर, अक्टूबर और दिसंबर के महीने में आने वाले मानसून को विंटर मानसून के नाम से जाना जाता है। विंटर मानसून तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में बारिश करता है जो नॉर्थईस्ट ट्रेड विंड्स के वजह से होता है।
साउथवेस्ट मॉनसून के दौरान सबसे पहले केरल के समुद्री तट प्रभावित होते हैं उसके बाद यह मानसूनी हवाएं भारत के दक्षिणी और उत्तरी इलाकों की तरफ अग्रसर होती हैं। इस मौसम के दौरान पश्चिमी घाट से लगे राज्यों में मॉनसून दस्तक देता है।
हर भारतीय के लिए महत्वपूर्ण है भारतीय मानसून?
भारत की अर्थव्यवस्था एग्रीकल्चर सेक्टर पर आधारित है। और यह एक ऐसा सेक्टर है जिसके लिए बारिश बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि इसी से फसलों की सिंचाई होती है। भारत की कृषि मुख्य तौर पर मॉनसूनी बारिश पर निर्भर है। अगर भारत में मॉनसून देरी से आता है या जरूरत से बहुत कम बारिश होती है तो कई राज्यों में सूखा और फसलों के बर्बाद होने के हालात पैदा हो जाते है जिससे चीजों के दाम बढ़ जाते हैं।
अगर भारत में बारिश पर्याप्त मात्रा में होती है तो इससे किसानों के साथ देश के अर्थव्यवस्था को भी फायदा होता है। भारत में साउथवेस्ट मॉनसून को महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि इस दौरान होने वाली बारिश की मात्रा ज्यादा होती है जो जलाशयों और ग्राउंड-वाटर रिजर्व्स को भी भर देती हैं।