- हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद दिल्ली पर बाढ़ का खतरा
- पहाड़ी राज्यों मे हो रही है बारिश का भी असर
- यमुना के निचले इलाके में रहने वालों को सुरक्षित जगहों पर भेजा गया
नई दिल्ली। वैसे तो आमतौर पर दिल्ली में यमुना नदी में पानी की कमी रहती है। लेकिन बरसात के दिनों में यमुना भी रौद्र रूप धारण कर लेती है। दरअसल पहाड़ीराज्यों में बारिश के साथ जब हरियाणा स्थित हथिनीकुंड बैराज पर पानी का दबाव बढ़ता है तो गेट खोल दिए जाते हैं और उसका असर दिल्ली में दिखाई देने लगता है।
पहाड़ी राज्यों में बारिश का दिल्ली पर असर
पहाड़ी राज्यों में भारी बारिश के मद्देनजर दिल्ली में यमुना नदी का जल स्तर लगातार बढ़ रहा है और अब खतरे के निशान के करीब है। पिछली रिपोर्टों के अनुसार, यमुना नदी का जल स्तर 204.38 मीटर तक पहुंच गया है। दिल्ली के जल मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में संभावित बाढ़ के कारण होने वाली किसी भी स्थिति से निपटने के लिए आम आदमी पार्टी सरकार तैयार है।यह भी बताया गया कि हरियाणा के यमुनानगर जिले के हथिनीकुंड बैराज से 5,883 क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद दिल्ली में यमुना नदी का जल स्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया। सोमवार को सुबह 8 बजे पानी छोड़ा गया।
दिल्ली में यमुना खतरे के निशान से एक मीटर नीचे
204.38 मीटर का जल स्तर सोमवार को 8 बजे दर्ज किया गया जो खतरे के निशान 205.33 मीटर से कम है।रविवार रात 8 बजे यमुना का जलस्तर 204.18 मीटर था। अधिकारियों ने कहा कि सोमवार दोपहर 3.30 बजे 204.32 मीटर का जल स्तर दर्ज किया गया।रिकॉर्ड के लिए, एक क्यूसेक पानी 28.317 लीटर प्रति सेकंड के बराबर है।
हालात पर है नजर
दिल्ली के जल मंत्री ने कहा कि AAP सरकार स्थिति पर करीब से नजर रखे हुए है और यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है कि किसी भी तरह की बाढ़ जैसी स्थिति से निपटने के लिए सभी आवश्यकताओं को पूरा किया जाए।हमारे पास बाढ़-नियंत्रण प्रणाली तैयार है और यह तब सक्रिय होगा जब कोई भी स्थिति इसकी मांग करेगी। मंत्री ने बताया कि सरकार ने यमुना के किनारे के सभी निचले इलाकों में, पल्ला गाँव से ओखला तक एक योजना बनाई है।