- दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को बड़ी राहत
- अदालत ने 2018 के मुख्य सचिव पिटाई मामले में बरी किया
- इस केस में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री को भी बरी कर दिया गया है
नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को 2018 में तत्कालीन मुख्य सचिव अंशु प्रकाश की पिटाई मामले में कोर्ट ने आरोप मुक्त कर दिया है। कोर्ट के इस फैसले के बाद दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया ने बीजेपी पर हमला बोला और कहा कि भारतीय जनता पार्टी को इसके लिए माफी मांगनी चाहिए। इस मामले में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया सहित अन्य नौ विधायकों को को भी बरी कर दिया गया है।
सिसोदिया बोले- माफी मांगे बीजेपी
कोर्ट के इस फैसले के बाद दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने पीएम मोदी और बीजेपी पर हमला बोला है। सिसोदिया ने कहा, 'कोर्ट ने आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। कोर्ट ने कह दिया कि सारे आरोप झूठे थे। माननीय अदालत ने तथाकथित सीएस असॉल्ट केस में पूरी तरह बरी कर दिया। हम पहले दिन से कह रहे थे कि सारे आरोप झूठे और अरविंद केजरीवाल के खिलाफ षडयंत्र रचा जा रहा है। आज अदालत में साबित हो गया कि अरविंद केजरीवाल के खिलाफ बहुत बड़ी साजिश रची गई थी। यह षडयंत्र देश के प्रधानमंत्री मोदी और उनकी पार्टी भाजपा द्वारा रचा गया। इसके बाद उनके घर पर, दफ्तर पर छापे मारे गए। ये मुकदमा इतना झूठा था कि अदालत ने आज केजरीवाल जी खिलाफ आरोप तय करने तक मना कर दिया।' उन्होंने कहा कि भाजपा को इसके लिए माफी मांगनी चाहिए।
क्या था मामला
दरअसल 2018 में तत्कालीन दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश ने सीएम सहित आम आदमी पार्टी के अन्य विधायकों पर मुख्यमंत्री आवास में मारपीट का आरोप लगाया था। इसे लेकर कई दिनों तक अधिकारी धरने पर भी बैठे रहे। मामले में सीएम केजरीवाल, डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया सहित 11 अन्य विधायकों को आरोपी बनाया गया था। फिलहाल कोर्ट ने विधायक अमानतुल्लाह खान और प्रकाश जरवाल को छोड़कर सभी को आरोप मुक्त कर दिया है।