- विपक्ष के हंगामें के बीच गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में पेश किया कैब विधेयक
- लोकसभा में बहस के दौरान अमित शाह ने कहा- यह बिल किसी समुदाय के खिलाफ नहीं है
- गृह मंत्री बोले- मैं हर सवाल का जवाब देने को हूं तैयार लेकिन आपको सुनना पड़ेगा
नई दिल्ली: लोकसभा में विपक्षी सदस्यों के भारी विरोध के बीच सोमवार को गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक (CAB) पेश किया। विधेयक पेश करने के दौरान गृह मंत्री ने सदन को आश्वस्त किया कि नागरिकता संशोधन विधेयक किसी भी तरह से देश के अल्पसंख्यकों के खिलाफ नहीं है। विधेयक को पेश किये जाने के लिए विपक्ष की मांग पर वोटिंग करवाई गई और सदन ने 82 के मुकाबले 293 मतों से इस विधेयक को पेश करने की स्वीकृति दे दी।
सदन में बहस के दौरान गृह मंत्री ने चर्चा के दौरान कहा, 'मैं फिर से एक बार सदन के सभी सदस्यों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि जिस बिल के संशोधन का मैं प्रस्ताव लाया हूं वो किसी भी दृष्टि से संविधान का उल्लंघन नहीं करता है।' अमित शाह के बयान के दौरान विपक्ष ने जमकर हंगामा किया है।
नागरिकता के लिए नहीं कर रही है सरकार
अमित शाह ने कहा, 'ऐसा नहीं है कि पहली बार सरकार नागरिकता के लिए कुछ कर रही है। कुछ सदस्यों को लगता है कि समानता का आधार इससे आहत होता है। इंदिरा गांधी ने बांग्लादेश से आए लोगों को नागिरकता देने का निर्णय किया। पाकिस्तान से आए लोगों को नागरिकता फिर क्यों नहीं दी गई। आर्टिकल 14 की ही बात है तो केवल बांग्लादेश से आने वालों को क्यों नागरिकता दी गई?'
कांग्रेस पर साधा निशाना
गृह मंत्री ने कहा, 'इस बिल के अंदर भारत की जमीनी सीमाओं से सटे हुए 3 देश बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान का जिक्र है। अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश राज्य का आधिकारिक धर्म इस्लाम है। इन देशों में अल्पसंख्यकों पर काफी अत्याचार हुए हैं।' कांग्रेस पर निशाना साधते हुए अमित शाह ने कहा, 'मैं इस देश का भूगोल जानता हूं, मुझे सब पता है। इस देश का विभाजन धर्म के आधार पर कांग्रेस पार्टी ने किया, इसी वजह से इस बिल की जरूरत पड़ी।'
मैं हर सवाल का जवाब देने को हूं तैयार
विपक्ष द्वारा बार-बार व्यवधान पैदा करने पर गृह मंत्री ने कहा, 'मैं एक-एक चीज का जवाब दूंगा और आपको सुनना पडेगा। मुझे ये ऐसी नहीं रोक सकते हैं। इस सरकार को पांच साल के लिए चुना है ये ऐसे नहीं रोक सकते हैं। विभाजन के बाद अल्पसंख्यकों के खिलाफ पाकिस्तान में बेहद अत्याचार हुए। क्या पाकिस्तान और बांग्लादेश में कभी मुसलवान पर अत्याचार होगा? इस बिल ने किसी मुस्लिम के अधिकार नहीं लिए हैं। इस बिल के अनुसार सबको अधिकार मिलेगा।'
अमित शाह ने कहा, 'तीनों देशों में हिंदू, सिख, पारसी, जैन, ईसाई, बुद्ध इन धर्मों का पालन करने वालों के साथ धार्मिक प्रताड़ना हुई। जो बिल मैं लेकर आया हूं, वो धार्मिक रूप से प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने का है। इस बिल में मुसलमानों के हक नहीं छीने गए हैं। आजादी के समय अगर कांग्रेस पार्टी धर्म के आधार पर देश का विभाजन ना करती तो इस बिल की जरूरत नहीं पड़ती। मान्यवर इनको सुनना पड़ेगा।'