- लोकसभा में पेश हुआ नागरिकता संशोधन विधेयक, विपक्ष ने कहा-अनुच्छेद 14 का विरोध करता है यह विधेयक
- गिरिराज सिंह ने पड़ोसी देशों से आने वाले गैर-मुस्लिम समुदायों की सुरक्षा के लिए इस विधेयक को जरूरी बताया
- अमित शाह ने विपक्ष के आरोपों का दिया जवाब, बोले-हमें चुना है तो पांच साल सुनना पड़ेगा
नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने सोमवार को कहा कि पड़ोसी देशों से भारत में शरण के लिए आने वाले गैर-मुस्लिम लोगों को सुरक्षा देना जरूरी है और इसलिए संसद में नागरिकता संशोधन विधेयक को पारित किया जाना आवश्यक है। संसद भवन परिसर में मीडिया से बातचीत में सिंह ने कहा, 'हमारे पड़ोसी देशों में गैर-मुस्लिम महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं और वहां से आने वाले गैर-मुस्लिम समुदायों की सुरक्षा के लिए संसद में नागरिकता संशोधन विधेयक पेश किया जा रहा है। इस विधेयक को कानून की शक्ल देना हमारा कर्तव्य है।'
केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'लोकतंत्र में सभी को विरोध करने का अधिकार मिला हुआ है लेकिन क्या यह सही नहीं है कि इस देश का विभाजन धार्मिक आधार पर किया गया? यहां भारत में हम धार्मिक समानता की नीति स्वीकार करते हैं लेकिन पाकिस्तान और बांग्लादेश में गैर-मुस्लिम नागरिकों के साथ अत्याचार किया जा रहा है।'
बता दें कि गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष के शोर-शराबे के बीच नागरिकता संशोधन विधेयक लोकसभा में पेश किया। विधेयक पेश करने से पहले विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए गृह मंत्री ने कहा कि 'हमें पांच सालों के लिए चुना गया है और विपक्ष को हमारी बातों को सुनना पड़ेगा।'
शाह ने कहा कि 'विपक्ष का आरोप है कि यह विधेयक समानता का अधिकार (अनुच्छेद-14) का उल्लंघन करता ह है तो मैं पूछना चाहता हूं कि समानता का अधिकार अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थाओं एवं उनके विशेष अधिकारों पर क्यों नहीं लागू होता?
गृह मंत्री ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर यह पार्टी धर्म के आधार देश के बंटवारे में हिस्सा न बनी होती तो इस बिल की जरूरत नहीं पड़ती। सच तो यह है कि इस विधेयक की आवश्यकता कांग्रेस की वजह से पड़ी है।
बता दें कि नागरिकता संशोधन विधेयक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आने वाले गैर-मुस्लिम लोगों को भारतीय नागरिकता प्रदान करेगा। इस विधेयक के जरिए इन तीन देशों से धार्मिक आधार पर प्रताड़ित होकर भारत आने वाले हिंदुओं, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को नागरिकता दी जाएगी।