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क्या दिल्ली में आ गई कोरोना की दूसरी लहर? पहली बार एक दिन में आए 5000 से ज्यादा मामले

Updated Oct 29, 2020 | 00:13 IST

Delhi Coronavirus: दिल्ली में कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। बुधवार को पहली बार 5000 से ज्याद नए मामले सामने आए हैं। इसके पीछे कहीं प्रदूषण तो कारण नहीं?

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मुख्य बातें
  • दिल्ली में पहली बार कोरोना वायरस के 5000 से अधिक मामले सामने आए
  • दिल्ली में मृतकों की संख्या बढ़कर 6396 हो गई है
  • दिल्ली में फिलहाल 29,378 मरीजों का इलाज चल रहा है

नई दिल्ली: क्या राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस की दूसरी लहर आ गई है? दरअसल ये सवाल इसलिए क्योंकि दिल्ली में पहली बार एक दिन में सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं। बुधवार को कोरोना वायरस के एक दिन में पहली बार 5,000 से अधिक नए मामले सामने आए। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक बुधवार को संक्रमण के 5,673 नए मामले सामने आने के बाद कुल आंकड़ा 3,70,014 पहुंच गया है।

इसके पहले मंगलवार को दिल्ली में एक दिन में संक्रमण के सर्वाधिक 4,853 नए मामले सामने आए थे। दिल्ली में वायरस के कारण 40 और मरीजों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 6,396 हो गई है। दिल्ली में फिलहाल 29,378 मरीजों का इलाज चल रहा है।

प्रदूषण तो नहीं वजह?

दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से प्रदूषण में भी वृद्धि हुई है, जो कि एक कारण हो सकता है कि कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ त्योहार का भी सीजन होने की वजह से मामले बढ़ सकते हैं। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने हाल ही में प्रदूषण के बढ़ने वाले स्तर को लेकर आगाह किया था। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि त्योहारों के सीजन और सर्दी के मौसम में सांस लेने से जुड़ी दिक्कतें बढ़ सकती हैं। साथ ही प्रदूषण के स्तर में वृद्धि कोरोना के मामलों को दोगुना से तीन गुना कर सकती है।  

गुलेरिया ने किया था आगाह

गुलेरिया ने कहा था, 'चूंकि सर्दी के मौसम में प्रदूषण के स्तर में वृद्धि देखने को मिलेगी। चीन और इटली के कुछ आंकड़े हैं जो यह बताते हैं कि जिन इलाकों में पर्टिकुलेट मैटर (पीएम) 2.5 के स्तर में थोड़ी भी वृद्धि हुई वहां कोरोना से संक्रमण के मामलों में आठ से नौ फीसदी की वृद्धि हुई। वायु प्रदूषण फेफड़े में सूजन एवं जलन पैदा करता है और सार्स-कोविड-2 भी फेफड़े को प्रभावित करते हुए सूजन लाता है। ऐसा संभव है कि प्रदूषण का स्तर बढ़ने पर खासकर मैदानी भागों में श्वास रोग से पीड़ित लोगों में संक्रमण बढ़े। क्योंकि सर्दी के मौसम में  मैदानी भागों में प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है।' 

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