दिल्ली में सैकड़ों झुग्गी कलस्टरों (बस्तियों) में लाखों की संख्या में बांग्लादेशी व रोहिंग्या मुस्लिम रह रहे हैं। बर्मा से आये है,यहाँ वोट भी डालते है" - महिला "उत्तरप्रदेश से आ गए थे , वहाँ घर जलने के बाद दिल्ली में जगह मिल गयी। कल मेयर मुकेश सूर्यां ने बताया कि सभी रोहिंग्या और बांग्लादेशी मुसलमानों की अवैध कॉलोनी पर जल्द ही कार्यवाही करेंगे। दिल्ली के ओखला में मदनपुर खादर में ऐसे ही एक गांव से TIMES NOW भारत संवाददाता वरुन भसीन ने रिपोर्ट पेश की है। -
यहां पक्के मकान तक लोगो ने बना लिए है - अवैध ज़मीन भी किराए पर देने लगे है लोग । विभिन्न पार्टी नेताओं के रहमोकरम पर दिल्ली की नागरिकता मिल चुकी हैबिजली के कनेक्शन से लेकर पानी की सुविधा मिल रही है । लोग न केवल सरकारी सुविधाओं का लाभ उठा कर राजधानी के रहने वाले असली लोगो का हक छीन रहे हैं बल्कि दिल्ली-एनसीआर में हत्या, लूट, डकैती, चोरी व अन्य आपराधिक वारदात के जरिए अपराध का ग्राफ भी बढ़ा रहे हैं।
बांग्लादेशी और रोहिंग्या मुस्लिमों के लिए दिल्ली-एनसीआर सबसे सुरक्षित ठिकाना हैखुद बता रहे है कि इनके दस्तावेज दिल्ली के बने हुए है । दस्तावेज बन जाने के बाद यह बांग्लादेश से अपने जानकारों और रिश्तेदारों को भी यहां पर बुला लेते है और परिवार बसा लेते है । यहाँ आने के बाद बच्चे हो जाते है फिर कुछ समय मे यही कब्ज़ा कर लेते है ज़मीनों पर ।