जहां एक ओर दिल्ली नगर निगम अतिक्रमण के खिलाफ बुलडोजर से कार्यवाई कर रही है। वहीं दूसरी ओर अब शहरी विकास मंत्रालय भारत सरकार ने अवैध धार्मिक अतिक्रमण को लेकर नोटिस देना शुरू कर दिया है। सरोजिनी नगर इलाके में पुराना पिलांजी गांव है। जहां प्राचीन शिव मंदिर स्थापित है। लगभग 9 दशकों से स्थापित है यह मंदिर। लेकिन इस मंदिर पर बीते महीने शहरी विकास मंत्रालय की ओर से एक नोटिस चस्पा कर दिया गया है। नोटिस में मंदिर को लेकर कहा गया है कि यह मंदिर सरकारी जमीन पर बना हुआ है। और यह धार्मिक अतिक्रमण है। इसलिए इस मंदिर को हटाने का नोटिस दिया गया। नोटिस के बाद गांव के लोग और मंदिर के पुजारी परेशान हो गए। ग्राउंड पर पहुंच कर मंदिर के अंदर से जब हमारे संवाददाता ने स्थानीय लोगों और मंदिर के पुजारी से बात की तो सभी लोग परेशान नजर आए। मंदिर के पुजारी दिलीप सिंह है इनका कहना है इस मंदिर की स्थापना उनके पिताजी ने की थी। जो लगभग आज से 90 साल पहले की बात है। और पिताजी के देहांत के बाद इस मंदिर की दिन रात हमने सेवा की है और पूरे गांव के लोग यहां हर दिन पूजा करने आते हैं। ऐसे में कोई कैसे हमें हमारे मंदिर को हटाने का आदेश दे सकता है। हमसे हमारे राम की शरण को कोई नहीं छीन सकता।
ग्रामीणों का कहना है कि हम बचपन से ही इस मंदिर में खेलते रहे हैं। पूजा करते रहे हैं। यह हमारे लिए एक आस्था का केंद्र है हम इसकी एक ईंट भी यहां से खिसकने नहीं दे सकते। प्राचीन शिव मंदिर से ग्राउंड रिपोर्ट के बाद हमारे संवाददाता साईं धाम मंदिर पहुंचे। यह मंदिर भी लगभग 40 से 50 साल पुराना बताया जा रहा है। सरोजनी नगर मार्केट के ठीक बगल में H ब्लॉक में यह मंदिर मौजूद है। इस मंदिर के मुख्य द्वार पर शहरी विकास मंत्रालय की ओर से नोटिस लगा दिया गया है। नोटिस में यह जानकारी दी गई है कि यह सरकारी जमीन है और इस पर अवैध धार्मिक अतिक्रमण है। नोटिस को देखते हैं मंदिर के सेवादार और आसपास के लोग परेशान हो गए। इसके बाद मंदिर की ओर से दिल्ली हाईकोर्ट में अपील की गई। अपील में सुनवाई के बाद फिलहाल इस मंदिर के ध्वस्तीकरण को लेकर कोर्ट ने स्टे आर्डर दे दिया है। शिव मंदिर के मुख्य सेवादार प्रीति भाटिया हैं जिनका साफ तौर पर कहना है कि हम इस मंदिर में लंबे वक्त से पूजा पाठ करते रहे हैं। और आसपास के लोग अपनी आस्था को लेकर आते रहते हैं। हम इस मंदिर को यहां से नहीं हटने देंगे।
हालांकि इस इलाके में जिन मंदिरों को हटाने को लेकर नोटिस दिया गया है। उन मंदिरों को बचाने को लेकर सरोजनी नगर मिनी मार्केट एसोसिएशन के प्रेसिडेंट अशोक रंधावा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक चिट्ठी लिखी है। और चिट्ठी के जरिए उनसे गुजारिश की है कि ध्वस्तीकरण के इस कार्यवाई को रोका जाए। और मंदिर को स्थापित रहने दिया जाए। अशोक रंधावा का यह कहना है कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि पीएम मोदी उनकी इस मांग को जरूर मानेंगे और वह मंदिर वैसे ही उन स्थानों पर स्थित रहेगा।