दिल्ली की बड़ी समस्याओं में से एक वायु प्रदूषण समस्या है। इसको देखते हुए दिल्ली प्रदूषण बोर्ड ने निर्माण कार्य को लेकर सख्त नियम बना दिए हैं। समिति ने सभी परियोजनाओं के ठेकेदार, बिल्डर व अन्य व्यक्तियों अथवा एजेंसियों को निर्देश दिया है कि निर्माण अथवा तोड़फोड़ गतिविधियां तभी करें जब धूल से वायु प्रदूषण ना हो। ऐसा प्रबंध कर लें। इसके लिए निर्माण स्थल की परिधि के चारों ओर उपयुक्त ऊंचाई की धूल या हवा रोकने वाली दीवारें खड़ी करें। अगर निर्माणस्थल 20 हजार वर्ग मीटर का है या उससे अधिक है तो एंटी स्मॉग गन लगाएं।
दरअसल इन दिनों अधिकांश इलाकों में घरेलू और संस्थागत छोटे, बड़े प्लॉट्स पर निर्माण या तोड़फोड़ की जा रही है जिसको लेकर के प्रदूषण नियंत्रण समिति काफी सख्त है वहीं जब दिल्ली के प्रीत विहार इलाके में इसका रियेलिटी टेस्ट किया गया तो उसमें पाया गया की प्रीत विहार में ठेकेदार और बिल्डर्स निर्माण कार्य में पूरी तरह से सावधानी बरत रहे हैं जिससे राजधानी में किसी तरह का कोई प्रदूषण न हो पाए।
आपको बता दें कि इससे पहले दिल्ली सरकार ने प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिये किसानों द्वारा जलाई जाने वाली पराली पर भी रोक लगा दी थी, जिसको लेकर के कई कानून भी बनाए गए थे। जिसके चलते दिल्ली में प्रदूषण का लेवल कुछ हद तक कम हुआ था वहीं अगर हम बात करें दिल्ली में प्रदूषण की तो वर्तमान में दिल्ली प्रदूषण का लेवल 2.5 है। लेकिन अब दिल्ली में प्रदूषण को जड़ से खत्म करने की कवायद जारी है जिसको लेकर के दिल्ली सरकार द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
(अमित गौतम की रिपोर्ट)