- दिल्ली में कोरोना महामारी के चलते निचली कक्षाओं को खोलने की अभी इजाजत नहीं है
- दिल्ली के निजी स्कूल चाहते हैं कि सरकार उन्हें निचली कक्षाओं को खोलने की इजाजत दे
- डीडीएमए की आज की बैठक में रामलीला के आयोजन, स्कूल खोलने पर निर्णय हो सकता है
नई दिल्ली : दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) की बुधवार को होने वाली अपनी बैठक में दिल्ली में दशहर उत्सव के लिए रामलीला आयोजन एवं जूनियर कक्षाओं को खोलने की अनुमति देने पर फैसला कर सकता है। राजधानी दिल्ली के प्रमुख रामलीला आयोजनकर्ता मंगलवार को लेफ्टिनेंट गवर्नर अनिल बैजल से मुलाकात की और कोरोना संकट के चलते इस धार्मिक कार्यक्रम पर लगी रोक को हटाने की मांग की। महामारी को देखते हुए डीडीएमए ने अपने पहले के आदेश में राजधानी में सभी तरह के धार्मिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं प्रतिबंध लगाया है।
उपराज्यपाल से मिला रामलीला प्रतिनिधिमंडल
लव कुश रामलीला समिति के सचिव अर्जुन कुमार ने कहा, 'रामलीला आयोजित करने की अनुमति के लिए एक प्रतिनिधिमंडल ने उपराज्यपाल से मुलाकात की। हमें उम्मीद है कि डीडीएमए द्वारा अनुमति दी जाएगी।' राजधानी के कई निजी स्कूल चाहते हैं कि उन्हें छह से आठ तक कक्षाएं चलाने की अनुमति दी जाए। स्कूल प्रबंधकों की दलील है कि राजधानी में कोविड-19 की स्थिति में सुधार हुआ है।
दिल्ली में खुले हैं 9 से 12वीं तक के स्कूल
बता दें कि डीडीएमए की ओर से गठित एक समिति ने राजधानी में स्कूलों को चरणबद्ध तरीके से खोलने का सुझाव दिया है। डीडीएमए का यह आदेश 30 सितंबर की आधी रात से निष्प्रभावी हो जाएगा। अभी दिल्ली में नौ से 12वीं तक के स्कूलों को खोलने की इजाजत दी गई है। स्कूल कम संख्या में बच्चों को अपने यहां बुला रहे हैं। इस दौरान स्कूलों में कोरोना गाइडलाइन एवं सोशल डिस्टैंसिंग का पालन किया जा रहा है। वहीं, कुछ अभिभावकों का कहना है कि बच्चों के लिए कोरोना टीका आ जाने के बाद ही निचली कक्षाओं को खोलने की अनुमति देनी चाहिए।