पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव से पहले उम्मीदवारों से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है। लोकसभा और विधानसभा चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के लिए चुनावी खर्च की अधिकतम सीमा बढ़ा दी गई है। राजनीतिक पार्टियों की तरफ से यह लंबे समय से मांग आ रही थी कि चुनावी खर्च की सीमा बढ़ाई जानी चाहिए। इसके बाद चुनाव आयोग ने एक कमेटी का गठन किया था ,उस कमेटी के प्रस्ताव को चुनाव आयोग ने स्वीकार कर लिया है।
लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों का खर्च
जिन राज्यों में उम्मीदवार के खर्च की अधिकतम सीमा पहले 70 लाख थी उसे बढ़ाकर 95 लाख कर दिया गया है। वहीं केंद्र शासित प्रदेशों में चुनावी खर्च की अधिकतम सीमा पहले 54 लाख थी जिसे बढ़ाकर 75 लाख कर दिया गया है।
विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों का खर्च
जिन राज्यों में कोई भी उम्मीदवार पहले अधिकतम 28 लाख रुपए चुनाव में खर्च कर सकता था अब वह 40 लाख कर सकेगा। इसके अलावा केंद्र शासित प्रदेशों की बात करें तो जो उम्मीदवार पहले 20 लाख रुपए खर्च करता था अब उसकी चुनावी खर्च की सीमा को बढ़ाकर 28 लाख कर दिया गया है।
उम्मीदवारों के चुनावी खर्चे में आखरी बार बड़ी बढ़ोतरी 2014 में की गई थी। उसके बाद 2020 में भी इसमें 10 प्रतिशत की दोबारा वृद्धि की गई। साथ हु उसी वक्त केंद्रीय चुनाव आयोग ने एक कमेटी का गठन भी कर दिया था जिसका काम चुनाव में होने वाले खर्चे का अध्ययन करना था। इस कमेटी ने राजनीतिक दलों, मुख्य चुनाव अधिकारियों और चुनाव पर्यवेक्षकों से भी सुझाव मांगे थे। इस कमेटी ने अपने अध्ययन में यह पाया कि 2014 के बाद से ना सिर्फ उम्मीदवारों की संख्या बढ़ी है बल्कि चुनावी प्रचार में होने वाला खर्चा भी बढ़ा है। कमेटी ने अपने अध्ययन में यह भी पाया कि धीमे-धीमे चुनाव प्रचार का तरीका बदल रहा है और वर्चुअल माध्यमों का इस्तेमाल ज्यादा होने लगा है।