- राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने खेला दलित कार्ड, बोले-चन्नी को बनाया जा रहा है निशाना
- छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बोले, प्रधानमंत्री राजनीति कर रहे हैं।
- लेकिन चन्नी को पंजाब में सुनील जाखड़ और मनीष तिवारी जैसे वरिष्ठ नेताओं का साथ नहीं मिल रहा है।
नई दिल्ली: पंजाब के फिरोजपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई चूक पर चारों तरफ से घिरती कांग्रेस पार्टी ने अब डबल गेम खेलना शुरू कर दिया है। एक तरफ पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सुरक्षा में हुई चूक पर मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को नसीहत दे डाली हैं। वहीं दूसरी तरह पार्टी के ही अन्य राज्यों में मुख्यमंत्री, चन्नी के सपोर्ट में खड़े हो गए हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि जब सोनिया खुद यह मान रही हैं को सुरक्षा में चूक का मामला गंभीर है, तो उनकी राय पर पार्टी के मुख्यमंत्री क्यों नहीं चल रहे हैं ? क्या ऐसा राजनीतिक नफा-नुकसान देखकर तय रणनीति के साथ किया जा रहा है, हालांकि इस विवाद में चन्नी को अपने ही राज्य में कई कांग्रेस नेताओं का साथ नहीं मिल रहा है।
सोनिया गांधी ने क्या कहा
5 जनवरी को सुरक्षा में हुई चूक के बाद रिपोर्ट्स के अनुसरा कल सोनिया गांधी ने पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी से बात की और पूरे मामले की विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने चन्नी से यह भी कहा कि मोदी पूरे देश के प्रधानमंत्री हैं, इसलिए उनकी सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाना चाहिए। सोनिया ने चन्नी से कहा कि इस मामले में जो भी जिम्मेदार हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। जाहिर है सोनिया गांधी भी कही न कहीं यह मान रही है कि सुरक्षा में चूक हुई।
इसीलिए केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने सोनिया गांधी के फोन पर निशाना साधते हुए कहा कि आखिरकार सोनिया गांधी ने यह मान लिया कि सुरक्षा में चूक हुई थी। लेकिन ऐसा लग रहा है कि उन्होंने मोहरे को आदेश देकर अपना पल्ला झाड़ लिया है।
लेकिन चन्नी को मिला मुख्यमंत्रियों का साथ
ऐसी संभावना था कि जब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने चन्नी को नसीहत दी है तो पार्टी के दूसरे वरिष्ठ नेता भी उसी राह पर चलेंगे। लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि सुरक्षा सिर्फ एक बहाना है, प्रधानमंत्री पंजाब में राजनीति चमकाने गए थे। वह पहले भी कई बार जाम में फंस चुके हैं। तब भाजपा के लोग कहते थे प्रधानमंत्री आम आदमी हैं।
वहीं राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को इसलिए निशाना बनाया जा रहा है, क्योंकि वह दलित हैं। उन्हें लेकर प्रधानमंत्री जिस तरह का संदेश दे रहे हैं, वह गलत है। पीएम द्वारा पंजाब के अधिकारियों को यह कहना कि अपने सीएम को धन्यवाद कहना कि मैं जिंदा लौट पाया। यह संदेश देना दुर्भाग्यपूर्ण है। पीएम की सुरक्षा की जिम्मेदारी एसपीजी और आइबी की होती है। ऐसे में इन दोनों की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए।
ये भी पढ़ें: 'IM, लश्कर से है PM मोदी की जान को खतरा', SPG ने 3 जनवरी को ही पंजाब के DGP को लिखी थी चिट्ठी
दोहरा रवैया ?
राज्य के मुख्यमंत्रियों की तरह ही कांग्रेस पार्टी की प्रेस कांफ्रेंस भी सोनिया गांधी की राय से एकदम उलट थी। 6 जनवरी को पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा " देश के एक बहुत महत्वपूर्ण प्रदेश पंजाब और एक बहुत महत्वपूर्ण संस्कृति पंजाबियत, जिससे पूरा देश क्या पूरा विश्व सीखता है, उसकी छवि को कैसे एक षडयंत्र के तहत रौंदा जा रहा है। ये पूरा विश्व देख रहा है। आखिर कारण क्या है कि आप सरेआम और देश के आप राजा हैं, प्रधानमंत्री हैं, दूसरा टर्म चल रहा है आपका, 303 सीटें हैं आपके पास, कई राज्यों में आपकी सरकार है, लेकिन आप देश की छवि के साथ खिलवाड़ करने में एक मिनट नहीं लगाते ?
जहां तक किसानों के विरोध की बात है तो तथ्य यह भी हैं कि 700 मृत किसान के परिवार मुआवजे के लिए आज भी इंतजार कर रहे हैं, आपने एक्शन नहीं लिया, एमएसपी पर कमेटी नहीं बनी, तो विरोध होता है। राजनीति में, लोकतंत्र में विरोध का सामना किसने नहीं किया। लेकिन आप एक पूरी एक कौम को, पूरे एक प्रदेश को, पूरी एक पंजाबियत को, पूरी संस्कृति को बदनाम कर देंगे? "
साफ है कि पार्टी राजनीतिक नफा-नुकसान के साथ कदम उठा रही है। एक तरफ शीर्ष नेतृत्व ने मामले पर परिपक्वता दिखाने की कोशिश की है, तो दूसरी तरह मुख्यमंत्री राज्य में अपने राजनीतिक गणित को ध्यान में रखते हुए बयान दे रहे हैं। लेकिन इसी कड़ी में मुख्यमंत्री चन्नी के लिए उनके ही राज्य में भी मुसीबत खड़ी हो रही है। पार्टी के कई नेता सुरक्षा में हुई चूक पर उन्हें ही घेर रहे हैं।
राज्य में चन्नी की बढ़ी मुश्किलें
जिस पंजाबियत को बदनाम करने का आरोप पवन खेड़ा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लगा रहे हैं। उसी पंजाबियत को बदनाम करने का आरोप कांग्रेस पार्टी के पंजाब में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़, चन्नी पर अप्रत्यक्ष रुप से लगा रहे हैं। उन्होंने ट्वीट किया है कि ' आज जो हुआ, वह स्वीकार्य नहीं है। यह पंजाबियत के खिलाफ है। देश के प्रधानमंत्री को फिरोजपुर में बीजेपी की रैली को संबोधित करने के लिए सुरक्षित मार्ग उपलब्ध कराया जाना चाहिए था। लोकतंत्र इसी तरह कार्य करता है।'
इसी तरह पंजाब में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने भी बयान दिया है कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा कोई राजनीतिक फुटबॉल नहीं है। यह बहुत संवेदनशील मुद्दा है। इस पूरे मामले पर हाईकोर्ट के एक न्यायधीश से जांच करना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए एसपीजी एक्ट बना हुआ है। अगर सुरक्षा में कोई चूक हुई है तो जो भी जिम्मेदार हैं, उनके ऊपर कार्रवाई होनी चाहिए।
ये भी पढ़ें: 'PM मोदी की सुरक्षा में चूक पर लोगों की नाराजगी देख सोनिया गांधी की आत्मा जागी', स्मृति ईरानी का बड़ा हमला
साफ है कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा के मसले पर शीर्ष नेतृत्व जहां फूंक कर कदम रख रहा है। वहीं राज्यों के मुख्यमंत्री, पंजाब के मुख्यमंत्री चन्नी के साथ खड़े हैं। लेकिन चन्नी को अपने ही राज्य में कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं का साथ नहीं मिल रहा है। दूसरी तरफ जिस तरह केंद्र सरकार ने पूरे मामले की गंभीरता को लिया है और जांच के लिए कमेटी बनाई है, उससे चन्नी सरकार के लिए आने वाले दिन मुश्किल भरे हो सकते हैं।