- झूठे वादों के बिस्तर पर सत्ता का सपना देख रहा है विपक्ष : दिनेश शर्मा
- नई पेंशन स्कीम प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार ने ही लागू की थी
- अपने शासनकाल में पेंशन अंशदान का 10 हजार करोड़ रुपये जमा नहीं किए थे सपा सरकार ने
लखनऊ। पुरानी पेंशन योजना को लागू करने के सपा सुप्रीमो के चुनावी वादे पर उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने उल्टा चोर कोतवाल को डांटे वाली कहावत चरितार्थ करने वाली बात कहा है। डॉ शर्मा ने कहा कि यूपी में नई पेंशन स्कीम को मुलायम सिंह यादव जी के नेतृत्व की सपा सरकार ने ही लागू किया था। सपा सुप्रीमो को तब कोई दिक्कत नहीं हुई।
यही नहीं जब जनता ने पूरे पांच साल राज करने का मौका दिया तब भी पूर्व मुख्यमंत्री जी 2012 से 2017 तक खामोश रहे। अगर यह योजना नापसंद थी तो अपनी पुरानी सपा सरकार क फैसले को क्यों नहीं पलट दिया? अब जबकि जनता दोबारा उन्हें करारा सबक सिखाने को बेकरार है, कोरे व झूठे वादों के बिस्तर पर विपक्षी सत्ता हासिल करने के स्वप्न देख रहे हैं। झूठे वादों से गुमराह करने की सपा की चाल को शिक्षक, कर्मचारी बखूबी समझ रहे हैं। वह अब किसी भी झूठी और लुभावनी घोषणा से प्रभावित होने वाला नहीं है। यह मुंगेरी लाल के हसीन सपने देखने जैसा है
शुक्रवार को जारी एक बयान में उप मुख्यमंत्री ने कहा कि सपा सुप्रीमो को यदि मुलायम सिंह यादव जी के समय से लागू पेंशन योजना पसंद नहीं थी तो जब 2012 से 2017 तक उन्हें सत्ता मिली तो तभी इसे समाप्त कर देना चाहिए था। आज पुरानी पेंशन योजना के नाम पर सियासी ड्रामा करके सपा "वायदे आजम" बनने की कोशश कर रही हैं।
इन्हें शिक्षकों व कर्मचारियों को यह भी बताना चाहिए कि अपने पांच साल के कार्यकाल में उन्होंने इसके लिए सरकार का दस हजार करोड़ रुपये का अंशदान क्यों नहीं जमा नहीं किया था?। योगी सरकार के आने के बाद सपा सरकार के कार्यकाल का बकाया अंशदान भी बीजेपी सरकार द्वारा जमा कराया गया।
कुछ विपक्षी दल दिन-रात झूठ बोलते हैं। वायदों का सब्जबाग दिखाकर जनता को भ्रम में डालना इनका शगल हो चुका है। एक बार फिर विपक्ष अपने साथ झूठों की मंडली के साथ झूठ और वायदों की खेती करने की भरसक कोशिश कर रहा हैं। पुरानी पेंशन स्कीम की बहाली उनकी एक ऐसी ही घोषणा है।