Goa-Manipur Assembly Elections 2022 : पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजे भाजपा के लिए खुशखबरी लेकर आए। यूपी में भाजपा की वापसी ऐतिहासिक हुई है। यहां 36 साल के बाद कोई पार्टी लगातार दूसरी बार सत्ता में लौटी है। उत्तराखंड में भी उसने इतिहास बनाया है। इस पहाड़ी राज्य में लोगों ने अब तक सत्तारूढ़ दल को लगातार दूसरी बार सत्ता नहीं सौंपी है। मणिपुर और गोवा में भी उसकी सरकार बन रही है। पांच राज्यों में से पंजाब को छोड़कर बाकी इन चार राज्यों में उसकी सरकार बन रही है। यहां हम मणिपुर और गोवा में भाजपा एवं अन्य दलों के चुनावी रणनीति, सफलता एवं असफलता की चर्चा करेंगे।
गोवा में 20 सीटों पर दर्ज की जीत
गोवा में विधानसभा की 40 सीटों में से भाजपा ने 20 सीटों पर जीत दर्ज की है। सरकार बनाने के लिए उसे एक विधायक की जरूरत है। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने कहा है कि भाजपा निर्दलीय और क्षेत्रीय दलों को साथ लेकर सरकार बनाएगी। हाल के वर्षों में यह पहला मौका था जब भाजपा ने मनोहर पर्रिकर के बगैर चुनाव लड़ा। गोवा में भाजपा की जीत में पर्रिकर की छवि बड़ी भूमिका निभाते रहे हैं। स्थानीय नेता होने के नाते उन्हें स्थानीय स्तर पर भाजपा को अच्छा समर्थन मिलता था। उनके निधन के बाद गोवा में भाजपा के पास ऐसा कोई नामी चेहरा नहीं था जिसे आगे कर वह अपनी चुनावी राह आसान करती।
AAP ने जीती दो सीटें
चुनाव के समय पर्रिकर के बेटे उत्पल ने बगावती तेवर अपना लिए। वह पणजी सीट से निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़े और हार गए। गोवा चुनाव में इस बार टीएमसी और आम आदमी पार्टी ने चुनावी किस्मत आजमाया। पहली बार चुनाव लड़ने वाली आम आदमी पार्टी दो सीटें जीतकर अपनी राजनीतिक पारी की अच्छी शुरुआत की। भविष्य में आप यहां एक बड़े राजनीतिक ताकत के रूप में उभर सकती है। गोवा में इस बार कांग्रेस, राकांपा-शिवसेना गठबंधन ने भी ताकत झोंकी लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। कांग्रेस यदि राकांप एवं शिवसेना के साथ मिलकर चुनाव लड़ी होती तो नतीजे कुछ और हो सकते थे।
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मणिपुर में फिर बनेगी भाजपा सरकार
मणिपुर में विधानसभा की 60 सीटें हैं। यहां भी भाजपा निर्दलीयों के साथ मिलकर सरकार बनाने की स्थिति में है। भाजपा यहां एनपीएफ के साथ मिलकर सरकार बना सकती है। राज्य में इस बार पिछड़ापन, विकास और बेरोजगारी जैसे मुद्दे ही रहे। बीजेपी के अलावा तमाम दलों ने अपने घोषणापत्र में सशस्त्र बल विशेष शक्तियां अधिनियम (अफस्पा) हटाने का मुद्दा बनाया। इबोबी सिंह भी अफस्पा हटाने का वादा तो नहीं किया लेकिन इतना जरूर कहा कि सरकार बने पर वह इस दिशा में सोचेंगे।
लोगों में भाजपा की स्वीकार्यता बढ़ी
भारतीय जनता पार्टी की मणिपुर इकाई की अध्यक्ष ए. शारदा देवी ने गुरुवार को कहा कि राज्य विधानसभा चुनावों में पार्टी का शानदार प्रदर्शन लोगों में उसकी स्वीकार्यता और इसके सुशासन को प्रतिबिम्बित करता है। शारदा देवी ने कहा, ‘इस बार हम उन इलाकों में भी अच्छा प्रदर्शन करने में सक्षम हुए हैं, जहां हम पहले नहीं जीत सके थे। पार्टी ने उन क्षेत्रों की ज्यादातर सीटें जीती हैं, जिन्हें कांग्रेस का गढ़ माना जाता था। यह प्रदर्शित करता है कि मणिपुर के लोगों ने हमें और हमारे शासन को स्वीकार कर लिया है।’वर्ष 2017 में हुए चुनावों में भाजपा ने 21 सीटें जीती थीं और कांग्रेस को 28 सीटों पर विजयश्री मिली थी, लेकिन भाजपा ने नगा पीपुल्स फ्रंट और नेशनल पीपुल्स पार्टी के चार-चार और लोक जनशक्ति पार्टी के एक विधायक के समर्थन से सरकार बनायी थी। सरकार में कुछ अन्य विधायक भी शामिल थे।