- चुनाव आयोग ने उठाया बड़ा कदम, विश्वास के वीडियो प्रसारण पर पहले लगाई रोक
- आयोग ने वीडियो को आदर्श आचार संहिता के नियमों का बताया उल्लंघन
- बाद में एक घंटे के भीतर आयोग ने रोक को हटा लिया
नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने कुमार विश्वास का वीडियो चलाने पर रोक लगा दी थी लेकिन घंटे भर बाद ही रोक को हटा दिया। दरअसल कुमार विश्वास ने न्यूज़ एजेंसी ANI को इंटरव्यू दिया था, जिसका एक हिस्सा ANI ने ट्वीट किया था और वायरल हो रहा था। इस वीडियो क्लिप को लाखों लोगों ने देखा और सोशल मीडिया के जरिए वायरल कर दिया था। इस वीडियो के सामने आने के बाद आम आदमी पार्टी बैकफुट पर आ गई थी और पार्टी ने कहा कि फर्जी वीडियो से अरविंद केजरीवाल को बदनाम करने की साजिश रची जा रही है।
चुनाव आयोग का आदेश
टाइम्स नाउ नवभारत संवाददाता पुलकित नागर के मुताबिक, इस वीडियो को लेकर आम आदमी पार्टी ने चुनाव आयोग ने शिकायत करते वीडियो के प्रसारण पर रोक लगाई थी। आयोग ने आप की शिकायत पर कदम उठाते हुए इस वीडियो को TV, वेब/ सोशल मीडिया पर चलाने पर रोक लगा दी है। पंजाब के मुख्य चुनाव अधिकारी के आदेश के मुताबिक यह वीडियो चलाना भारतीय चुनाव आयोग की आचार संहिता का उल्लंघन है। आयोग ने कहा है कि वीडियो को विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स, जैसे ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्स ऐप पर शेयर किया जा रहा है जो आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है। आयोग ने तत्काल कदम उठाते हुए सोशल मीडिया तथा टीवी में वीडियो के प्रसारण पर रोक लगा दी थी।
राघव चड्ढा ने कही थी ये बात
इससे पहले आज ही आम आदमी पार्टी के विधायक और पंजाब प्रभारी राघव चड्ढा ने कुमार विश्वास के आरोपों पर जवाब देते हुए कहा कि पंजाब की जनता को भ्रमित करने के लिए ये साजिश रची जा रही है। उन्होंने कहा कि पंजाब की जनता आम आदमी पार्टी के साथ है। ये सब प्रोपेगेंडा फैलाने के लिए साजिश रची जा रही है। अगर कुमार विश्वास के आरोप सही हैं तो उन्होंने साल 2017 के चुनाव में ये बात क्यों नहीं कही।