Raja Bhaiya counterattack on Akhilesh yadav's statement: यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के पांचवें चरण का मतदान 27 फरवरी को होगा। विधानसभा चुनाव में इस बार रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया (raghuraj pratap raja bhaiya) अपनी पार्टी जनसत्ता दल लोकतांत्रिक से कुंडा सीट (kunda seat) से चुनाव लड़ रहे हैं। गौर हो कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में इस बार हॉट सीट बनी कुंडा की भदरी रियासत से सम्बन्ध रखने वाले पूर्व कैबिनेट मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया का कहना है कोई भी लड़े अपनी जमानत नहीं बचा पाएगा।
रघुराज प्रताप ने एक इंटरव्यू में कहा कि हर चुनाव में सभी राजनीतिक दल के लोग लड़ते हैं। लेकिन हर बार की तरह इस बार भी सभी दलों ने अपने-अपने प्रत्याशी यहां से चुनाव मैदान में उतारे हैं। लेकिन कुंडा की यह परंपरा है जो कुंडा से लड़ता है उसको यहां कि जनता जमानत जब्त करा देती है। पिछले 6 बार का देंखेंगे तो इतिहास पता चलेगा।
"हर बार सबकी जमानत जब्त हुई है, यह कोई नई बात नहीं है"
समाजवादी पार्टी इस बार अपना प्रत्याशी आपके खिलाफ उतारा है, इसके जवाब उन्होंने कहा कि इसमें कोई नई बात नहीं है। 1993 में सपा बसपा का पहला गठबंधन था उस बार भी सपा ने अपना प्रत्याशी उतारा था। 1996 और 2002 में भी सपा के प्रत्याशी थे। हर बार सबकी जमानत जब्त हुई है। यह कोई नई बात नहीं है।
"कुंडा हो या बाबा गंज सभी जगह जनता हमें प्यार देती है"
इस बार सपा ने कभी आपके खास रहे गुलशन यादव को अपना प्रत्याशी बनाया है, इस सवाल के जवाब में राजा भैया ने कहा कि जब चुनाव हो रहा है तो हर पार्टी ने अपना-अपना प्रत्याशी उतारा है। किसी एक प्रत्याशी का नाम हमने मंच से लिया ही नहीं है। हम सिर्फ अपनी बात करते हैं। हम जनता से सीधे संवाद करते हैं और अपनी बात रखते हैं। न हम किसी का नाम लेते हैं न किसी की बुराई करते हैं। सपा मुखिया अखिलेश यादव के आरोप यहां अन्याय खत्म करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह हास्यपद आरोप है। कुंडा हो या बाबा गंज सभी जगह जनता हमें प्यार देती है हम रिकार्ड मतों से जीतते हैं।
"सभी अपने पदाधिकारियों से मशविरा होगा। इसके बाद कोई निर्णय"
आपकी पार्टी जनसत्ता दल लोकतांत्रिक पहली बार चुनाव लड़ रही है अगर नतीजे आपके पक्ष में आते हैं तो तो किसके साथ गठबंधन के सवाल पर उन्होंने कहा कि 18 सीटों पर हम लोग चुनाव लड़ रहे है। कोविड के कारण रोड शो और सभाएं नहीं हो सकती थी। इसलिए प्रत्याशियों की संख्या सीमित रखी है। जहां हम आसानी से पहुंच सकते थे। हर जगह हमारे प्रत्याशी मजबूती से लड़ रहे है।
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नतीजों के बाद क्या करना है निर्णय लेंगे। जरूरी नहीं किसी भी पार्टी से गठबंधन करें। सक्रिय विपक्ष की भी भूमिका निभा सकते हैं। कोई सत्ता पक्ष में होना आवश्यक है। क्योंकि पहले से हमारा किसी से गठबंधन नहीं है। सब पार्टियां लड़ रही है। देखेंगे सभी अपने पदाधिकारियों से मशविरा होगा। इसके बाद कोई निर्णय लिया जाएगा।
मगरमच्छ की कहानी को लेकर राज भइया ने हंसते हुए कहा सिर्फ बातें ही होती है। अपने बच्चों के प्रचार करने के सवाल पर राजा भइया ने कहा कि कोरोना के कारण बच्चे जब स्कूल बंद थे। तो उन लोगों ने यहां पर निमंत्रण में जाना शुरू किया था। वह कोई प्रचार नहीं कर रहे थे। वर्तमान समय में कोविड खत्म हो गया है। वह अपने-अपने स्कूल में चले गये हैं।
राजा भैया सभी 6 चुनावों में जीत दर्ज करते आ रहे हैं
ज्ञात हो कि प्रतापगढ़ जिले की कुंडा विधानसभा सीट से राजा भैया अजेय बने हुए हैं। उन्होंने 1993 में कुंडा विधानसभा से पहला चुनाव लड़ा था और तब से 2017 तक हुए वह सभी 6 चुनावों में जीत दर्ज करते आ रहे हैं। उत्तर प्रदेश की विधानसभा तक का सफर भले ही राजा भैया र्निदलीय तय करते आ रहे हों, लेकिन वह सरकार में मंत्री बनते रहे हैं। राजा भैया पहली बार भाजपा की कल्याण सिंह सरकार में मंत्री रहे। मुलायम सिंह यादव सरकार में भी उन्होंने कैबिनेट मंत्रालय संभाला। जब राजनाथ सिंह मुख्यमंत्री थे, तब भी वह कैबिनेट मंत्री रहे। वहीं, अखिलेश सरकार में भी मंत्री के पद पर थे।