- ओवैसी ने हिंदू उम्मीदवारों को टिकट देकर ब्राह्मण, अनुसूचित जाति और कायस्थ वोटर को साधने की कोशिश की है।
- हैदर अली खान को उतारकर, एनडीए को आजम खान के किले में सेंध लगने की उम्मीद है।
- हैदर अली कांग्रेस के दिग्गत नेता नूर बानो के पोते हैं। वह अपना दल (एस) के टिकट पर जीत की उम्मीद लगाए बैठे हैं।
नई दिल्ली: राजनीति में कुछ भी स्थायी नहीं होता है और यह बात हर बार साबित होती है। ऐसे में 2022 का यूपी चुनाव भी अछूता कैसे रह सकता है। इस बार चुनावों में कुछ ऐसा हो रहा है, जिसकी संभावना बहुत कम थी। मसलन भाजपा या असददुद्दीन ओवैसी के एआईएमआईएम की ऐसी छवि रही है, कि ये किस धर्म विशेष के लोगों को टिकट देंगे, इसके कयास लगाए जा सकते हैं। लेकिन इस बार यह छवि बदलती दिख रही है।
असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ने अब तक 24 उम्मीदवारों के नाम की तीन सूची जारी की है, और उसने तीन हिंदू उम्मीदवारों को टिकट दिया गया है। इसी तरह भाजपा की अगुआई वाले एनडीए गठबंधन से पहले मुस्लिम उम्मीदवार का ऐलान हो गया है। अब देखना है कि क्या एनडीए से शुरू हुआ यह सिलसिला भाजपा तक पहुंचता है। क्योंकि 2017 के चुनाव में पार्टी ने किसी मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया था।
जानें किसे मिला टिकट
राजनीतिक दल या गठबंधन | उम्मीदवार का नाम | विधानसभा क्षेत्र |
NDA-अपना दल (एस) | हैदर अली खान | स्वार (रामपुर) |
AIMIM | पंडित मनमोहन झा उर्फ गामा | साहिबाबाद (गाजियाबाद) |
विनोद जाटव | हस्तिनापुर (सुरक्षित) (मेरठ) | |
विकास श्रीवास्तव | रामनगर (बाराबंकी) |
आजम खान के गढ़ में एनडीए ने उतारा मुस्लिम उम्मीदवार
एनडीए से 2017 के विधानसभा और 2019 के लोकसभा चुनाव में किसी मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया गया था। लेकिन इस बर हैदर अली खान ने यह परिपाटी बदल दी है। उन्हें अपना दल से स्वार विधानसभा सीट से टिकट मिला है। वह आजम खान के बेटे अब्दुल्ला खान के खिलाफ चुनाव लड़ सकते हैं। रामपुर, सपा के कद्दावर नेता आजम खान का गढ़ रहा है। जहां से वह 9 बार विधायक चुने गए हैं। जबकि मौजूदा समय में रामपुर शहर से उनती पत्नी तजीम फातिमा विधायक हैं। स्वार से अब्दुल्ला खान विधायक रह चुके हैं। स्वार सीट से हैदर अली खान को टिकट देने का सीधा मतलब है कि एनडीए मुस्लिम मतदाताओं में सेंध लगाना चाहता है। स्वार विधानसभा सीट में 1.50 लाख से ज्यादा मुस्लिम उम्मीदवार हैं। हैदर अली कांग्रेस के दिग्गत नेता नूर बानो के पोते हैं। उन्हें पहले कांग्रेस ने टिकट दिया था, लेकिन वह बाद में अपना दल (एस) में शामिल हो गए।
ओवैसी की इन जातियों पर नजर
ओवैसी ने जिन तीन हिंदू उम्मीदवारों को टिकट दिया है, उसमें मनमोहन झा उर्फ गामा, ब्राह्मण हैं। जबकि विनोद जाटव अनुसूचित जाति के हैं और विकास श्रीवास्तव कायस्थ हैं। ओवैसी ने जातिग समीकरण साधते हुए उम्मीदवारों को टिकट दिए हैं। उन्होंने ऐलान किया है कि पार्टी 100 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। ऐसे में आने वाली उम्मीदवारों की लिस्ट में और हिंदू नाम दिख सकते हैं।
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