- दूसरी लहर में ऑक्सीजन और अस्पताल में बेड की भारी किल्लत हुई थी।
- दूसरी लहर के दौरान पीक केस 4 लाख तक पहुंच गए थे।
- उत्तर प्रदेश, पंजाब, गोवा, मणिपुर, उत्तराखंड में अगले 3-4 महीने में चुनाव होने वाले हैं।
नई दिल्ली: देश में ओमिक्रॉन के मामले बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में एक बार फिर तीसरी लहर का डर सताने लगा है। इसकी वजह ये हैं कि देश में अब तक 23 लोग संक्रमित हो चुके हैं। बढ़ते मामलों के बीच एक डर और सता रहा है कि कहीं दूसरी लहर की तरह स्थिति फिर भयानक न हो जाय। इस बीच अगले 3-4 महीने में एक बार फिर पांच राज्यों में चुनाव की दस्तक होने वाली है। ऐसे में सवाल यही उठ रहा है कि हम नई चुनौती के लिए कितना तैयार है।
बंगाल सहित 5 राज्यों में चुनावों के बाद आई थी दूसरी लहर
कोरोना की दूसरी लहर, जिसमें डेल्टा वैरिएंट ने भारत में तबाही मचाही थी, उसने बंगाल, असम, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में मई 2021 में हुए चुनावों के बाद अपना प्रकोप दिखाया था। उस दौरान न केवल लोगों को ऑक्सीजन के लिए तड़पता देखा गया। बल्कि इलाज के लिए अस्पतालों में बिस्तर भी नहीं मिल रहे थे। हालात ऐसे थे कि कई राज्यों में तो पूरी व्यवस्था ही चरमरा गई थी। उस वक्त राजनीतिक दलों पर यह आरोप लगे थे कि चुनावों की रैलियों में कोराना नियमों का धज्जियां उड़ाई गई। नेताओं ने बड़ी-बड़ी रैलियां की, इसी की वजह से कोराना की दूसरी लहर ने प्रकोप मचा दिया था।
फिर से 5 राज्यों में है चुनाव
एक बार फिर जब लगा रहा था कि 125 करोड़ से ज्यादा की आबादी का वैक्शीनेशन हो चुका है और कोरोना का असर कम हो रहा है। तो ओमिक्रॉन ने दस्तक दे दी है। और फिर चुनाव भी होने वाले है। अगले दो से तीन महीने में उत्तर प्रदेश, पंजाब, गोवा, उत्तराखंड और मणिपुर में चुनाव हैं। इसे देखते हुए सरकार और चुनाव आयोग को कहीं ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। जिससे कि अगर ओमिक्रॉन का खतरा बढ़ा तो लोगों को दूसरी लहर जैसी स्थिति का सामना नहीं करना पड़े।
कितना खतरनाक है ओमिक्रॉन
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे वैरिएंट ऑफ कंसर्न कहा है। वहीं नए वैरिएंट को लेकर दुनिया भर के महामारी विशेषज्ञ (Epidemiologist ) ने इसके संक्रमण की दर को लेकर चिंता जताई है। प्रसिद्ध महामारी विशेषज्ञ Eric Feigl-Ding ने वैरिएंट को लेकर ट्वीट कर कहा है कि नया वैरिएंट कोविड-19 के डेल्टा वैरिएंट से 5 गुना तक ज्यादा संक्रामक हो सकता है। लेकिन राहत की बात यह है कि ओमिक्रॉन की जानकारी मिलने के 10 दिन बीत जाने के बाद भी दुनिया में कही भी ओमिक्रॉन की वजह से मौत नहीं हुई है। साथ ही अस्पतालों में भर्ती की दर भी बेहद कम है। ज्यादातर लोगों को हल्के लक्षण हैं।
तीसरी लहर के लिए क्या है तैयारी
केंद्र सरकार ने राज्यों को कहा है कि वे दूसरी लहर की पीक के दौरान मिले केसेज से 1.25 ज्यादा केसेज को ध्यान में रखकर तैयारी करें। दूसरी लहर की पीक के दौरान भारत में एक दिन में 4 लाख से ज्यादा केसेज मिले थे। ऐसे में उन्हें 5 लाख केस के आधार पर तैयारी करनी चाहिए। साथ ही केंद्र सरकार ने कहा है कि तीसरी लहर के दौरान कुल मरीजों में से करीब 20 फीसदी से ज्यादा लोगों को हॉस्पिटलाइजेशन की जरूरत पड़ सकती है। राज्य सरकारें इसी हिसाब से तैयारी करें। इसी तरह ऑक्सीजन प्लांट को लेकर जुलाई 2021 में सरकार ने कहा था कि दूसरी लहर के दौरान पीक दौर में हर दिन 9 हजार टन ऑक्सीजन की जरूरत थी। दूसरी लहर के बाद सरकार ने देशभर में 3,631 PSA प्लांट लगाने को अप्रूवल दिया था। सरकार ने देश में डेली ऑक्सीजन प्रोडक्शन का टारगेट 15 हजार टन रखा है।