- 31 दिसंबर तक हर रोज 3 करोड़ डोज लगाने होंगे, तब जाकर वैक्सीनेशन का टारगेट पूरा होगा।
- ओमीक्रॉन वैरिएंट की वजह से तीसरी लहर आने का डर बढ़ गया है।
- ओमीक्रॉन वैरिएंट में अभी तक गंभीर लक्षण नहीं पाए गए हैं।
नई दिल्ली: कोरोना के नए वैरिएंट Omicorn ने भारत में दस्तक दे दी है। अब वह दुनिया के 29 देशों में फैल चुका है। वैरिएंट कितना खतरनाक है, वह कैसे व्यवहार कर रहा है, इस पर अभी भी रिसर्च जारी है। ऐसी स्थिति में बचाव का सबसे मजबूत हथियार वैक्सीन है। ओमीक्रॉन की भारत में दस्तक के बाद मोदी सरकार के लिए वैक्सीनेशन तेजी से करने का दबाव बढ़ गया है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार 2 दिसंबर सुबह 7 बजे तक 124 करोड़ वैक्सीन डोज लग चुकी है। इसमें दोनों डोज लेने वाली की संख्या 45 करोड़ से ज्यादा है। जबकि एक डोज लेने वालों की संख्या 79 करोड़ है। इस लिहाज से देखा जाय तो देश की करीब 35 फीसदी आबादी को अभी तक वैक्सीन की दोनों डोज लग पाई है। जबकि सरकार का दिसंबर 2021 तक देश की पूरी वयस्क आबादी को दो डोज वैक्सीनेशन लगाने का टारगेट है। यानी उसे अब से 90 करोड़ से ज्यादा डोज लगानी है।
अगले 29 दिन में 90 करोड़ से ज्यादा डोज
सरकार को इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए अगले 29 दिन में हर रोज 3 करोड़ से ज्यादा डोज लगानी होगी। भारत ने 21 अक्टूबर को 100 करोड़ डोज लगाने का उपलब्धि हासिल की थी। और उसके बाद 41 दिन में करीब 24 करोड़ डोज लगी है। इस आधार पर औसतन करीब 60 लाख वैक्सीन डोज लगाई गई है। ऐसे में अगर इस रफ्तार से अगले एक महीने वैक्सीन लगी तो करीब 18 करोड़ लोगों को ही वैक्सीन लग पाएगी। जो कि लक्ष्य से काफी पीछे होगा। साफ है कि ओमीक्रॉन की दस्तक के बाद सरकार को स्पीड बढ़ानी होगी।
बूस्टर डोज की भी मांग
इस बीच ओमीक्रॉन को खतरे को देखते हुए बूस्टर डोज की भी मांग उठने लगी है। राजस्थान, छत्तीसगढ़, कर्नाटक एवं केरल जैसे राज्यों ने केंद्र सरकार से बूस्टर डोज की दिशा में बढ़ने की अपील की है। इस मुद्दे पर केंद्र सरकार ने संसद में बताया था कि टीकाकरण पर राष्ट्रीय एक्सपर्ट ग्रुप एवं प्रतिरक्षण पर राष्ट्रीय तकनीकि परामर्श समूह बूस्टर डोज पर वैज्ञानिक साक्ष्यों को देख रहा है। उसके बाद कोई फैसला लिया जाएगा।
ओमिक्रॉन कितना खतरनाक
स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव लव अग्रवाल ने एक प्रेस कांफ्रेस में डब्ल्यूएचओ का हवाला देते हुए कहा कि अब तक यह वायरस 29 देशों में फैल चुका है और इसके कुल 373 मामले सामने आ चुके हैं। बताया जा रहा है कि यह वायरस डेल्टा वैरिएंट से पांच गुना ज्यादा संक्रामक हो सकता है। इसलिए स्वास्थ्य विशेषज्ञ मास्क पहनना, हाथ की स्वच्छता एवं सोशल डिस्टैंसिंग का पालन करने पर जोर दे रहे हैं।
हालांकि राहत की बात यह है कि अभी तक ओमीक्रॉन वैरिएंट से किसी के मौत के मामला सामना नहीं आया है। प्रसिद्ध महामारी विशेषज्ञ Eric Feigl-Ding ks के अनुसार नया वैरिएंट कोविड-19 के डेल्टा वैरिएंट से 5 गुना तक ज्यादा संक्रामक हो सकता है। और उनके फॉर्मूले के आधार पर वह एक वयक्ति से 35 लोगों में संक्रमित हो सकता है। हालांकि अभी तक जिन लोगों को संक्रमण हुआ है, उनके अंदर कोई गंभीर लक्षण नहीं पाए गए हैं।
क्या है लक्षण
दक्षिण अफ्रीका में ओमीक्रॉन की चपेट में आने वाले मरीजों का इलाज करने वाले डॉक्टरों ने कहा है कि इसके लक्षण बहुत मामूली होते हैं और इसका इलाज घर में ही संभव है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, दक्षिण अफ्रीका मेडिकल एसोसिएशन की प्रमुख डॉ. एंजेलिक कोएट्जी ने बताया कि डेल्टा वैरिएंट से अलग हाल के समय में जिन मरीजों का भी उन्होंने इलाज किया है, उनमें गंध या स्वाद नहीं आने या ऑक्सीजन का स्तर कम होने जैसी शिकायतें नहीं पाई गई हैं।